जलस्तर में गिरावट, सूखने लगे तालाब व चापाकल

बेनीपट्टी : जलस्तर में हो रही गिरावट और गरमी की प्रत्याशित तपिश के कारण अनुमंडल क्षेत्र होकर बहने वाली विभिन्न नदियां, तालाब और चापाकल सूख रहा है. जिस तालाबों में नाक भर से ऊपर पानी हुआ करता था उसमें घुटना भर पानी भी नहीं बचा है. वहीं, अनुमंडल क्षेत्र होकर बहने वाली अधवारा समूह एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2015 7:18 AM
बेनीपट्टी : जलस्तर में हो रही गिरावट और गरमी की प्रत्याशित तपिश के कारण अनुमंडल क्षेत्र होकर बहने वाली विभिन्न नदियां, तालाब और चापाकल सूख रहा है. जिस तालाबों में नाक भर से ऊपर पानी हुआ करता था उसमें घुटना भर पानी भी नहीं बचा है. वहीं, अनुमंडल क्षेत्र होकर बहने वाली अधवारा समूह एवं पहाड़ी बछराजा नदी का पानी भी सूख रहा है. जबकि कई चापाकलों से पानी निकलना बंद हो गया है.
अनुमंडल के बेनीपट्टी, मधवापुर, बिस्फी एवं हरलाखी प्रखंड में विभिन्न नहरों से भी पानी का सूखना जारी है. क्षेत्र के उच्चैठ, बेनीपट्टी, बनकट्टा, बेतौना, समदा, बसैठ, चांदपुरा, अकौर, मनपौर, परसौना आदि गांवों में स्थित तालाबों में पानी के जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है. चापाकलों के सूखने से लोगों को पानी की भारी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है.
माल-मवेशी भी परेशानी में
विभिन्न नदियों एवं तालाबों से पानी का सूखना मवेशियों के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है. नदियों एवं तालाबों में पानी रहने से मवेशियों को लोग उसी में स्नान कराते थे. खासकर बधार में ले जाये गये भैंस, बैल, बकरी को पानी पिलाया जाता था. अब इसमें कठिनाई उत्पन्न हो रही है.
अग्निकांड में मिलता था सहारा
तालाबों में पानी का जमाव रहने से अगलगी में लोगों को बहुत ही सहारा मिलता था. लोग बाल्टी में तालाब से पानी निकालकर आग बुझाने का काम करते थे. साथ ही अगिAशामक वाहनों एवं मोटर सर्विसिंग सेंटरों के लिए भी तालाबों में पानी रहना आवश्यक व महत्वपूर्ण है.
सरकार नहीं रख रही ख्याल
फ्रंट लाइन वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव विनय कुमार झा बताते हैं कि चापाकलों में पानी डाले बगैर पानी नहीं निकल रहा है. एक घंटे के अंतराल में चापाकल सुख रहे हैं. गांवों से पहले ही कुआं को भर समाप्त कर दिया गया है.
अब भू-गर्भ के जलस्तर में हो रही कमी ने तालाबों का नामोनिशान मिटाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार तालाबों और कुओं के अस्तित्व को बचाने और भू-गर्भ के जलस्तर को बढ़ाने के लिए राशि खर्च नहीं कर रही है. बल्कि धरातल पर विभागीय और प्रशासनिक उदासीनता केकारण यह प्रयास सफल नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि भू-गर्भ के जलस्तर को समुचित तौर पर बरकरार रखना आवश्यक है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीसीएलआर सह प्रभारी एसडीओ एके पंकज बताते हैं कि प्रशासनिक स्तर से जलस्तर की कमी को रोकने के लिए जो भी उपाय होंगे, उसके लिए कार्यवाही करने की प्रक्रिया अपनायी जायेगी.

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