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नगर परिषद ने दिया अल्टीमेटम, बकाया भुगतान नहीं देने वाले 12 टावर होंगे सील
मधुबनी : नगर परिषद क्षेत्र में लगे 29 मोबाइल टावर में से 12 मोबाइल टावर का संचालन विगत चार साल से बिना अनुबंध के ही हो रहा है. इस कारण नप प्रशासन को चार साल में लाखों के राजस्व की हानि हुई है, लेकिन अब नगर परिषद प्रशासन इन टावर को सील करने का मन […]
मधुबनी : नगर परिषद क्षेत्र में लगे 29 मोबाइल टावर में से 12 मोबाइल टावर का संचालन विगत चार साल से बिना अनुबंध के ही हो रहा है. इस कारण नप प्रशासन को चार साल में लाखों के राजस्व की हानि हुई है, लेकिन अब नगर परिषद प्रशासन इन टावर को सील करने का मन बना लिया है.
टावर कंपनी को नोटिस देकर एक सप्ताह के अंदर कर भुगतान करने को कहा गया है. सात मोबाइल कंपनियों के 12 टावर का विभाग से अब तक रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है. ये कंपनियां चार साल से बिना निबंधन के ही शहर में मोबाइल सेवा दे रही हैं. नगर परिषद प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए नोटिस भेजा है. इसमें कहा गया है कि एक सप्ताह के अंदर कर भुगतान नहीं करने पर इन्हें सील कर दिया जायेगा. इसकी सारी जवाबदेही संबंधित मोबाइल टावर कंपनियों की होगी. दरअसल, बिहार मोबाइल टावर अधिनियम 2013 में नगर निकाय क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने के लिए विभाग से पंजीकृत करवाना पड़ता है तथा प्रत्येक साल इसका नवीकरण भी करवाना है.
क्या कहता है अधिनियम
बिहार मोबाइल टावर अधिनियम 2013 वर्ष के अधीन नवीकरण शुल्क प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रथम माह अप्रैल में जमा करने का प्रावधान है. वर्तमान में जून माह के अंत तक एक भी मोबाइल टॉवर कंपनी ने शुल्क जमा नहीं किया है. चालू वित्तीय वर्ष में 29 मोबाइल टावर कंपनी में से एक भी कंपनी ने न तो नगर परिषद से क्षेत्र में टावर लगाने का आदेश लिया है और न ही नप प्रशासन को राजस्व का भुगतान ही किया है.
बिना पंजीकृत 12 टावर
शहर में लगे 29 मोबाइल टावर में से 12 का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ हैं. ये चार साल से बिना पंजीकरण के ही काम कर रही हैं. मालूम हो कि शहर में मोबाइल टावर लगाने के लिए पंजीकरण शुल्क 40 हजार जमा करना पड़ता है. यह शुल्क नगर परिषद कार्यालय में जमा करना पड़ता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा कहना है कि बिना निबंधन के मोबाइल टावर लगाना बिहार मोबाइल टावर अधिनियम 2013 का उल्लंघन है. संबंधित मोबाइल टावर कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. पंजीकरण व नवीकरण शुल्क जमा नहीं करने पर सील बंद कर दिया जायेगा. इससे नप को राजस्व की हानी हो रही है.
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