पदाधिकारियों व कर्मचारियों के साथ लोगों की जान पर खतरा!

मधुबनी : जिले के कई पदाधिकारी व कर्मचारियों के साथ-साथ सैकड़ों लोगों की जान पर खतरा उत्पन्न हो गया है. ऐसा नहीं कि इस खतरों का इन पदाधिकारियों को जानकारी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी लापरवाही कहें या फिर सुविधा की कमी कि ये लोग अपने साथ जिले के सैकड़ों लोगों के जान से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2015 7:48 AM
मधुबनी : जिले के कई पदाधिकारी व कर्मचारियों के साथ-साथ सैकड़ों लोगों की जान पर खतरा उत्पन्न हो गया है. ऐसा नहीं कि इस खतरों का इन पदाधिकारियों को जानकारी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी लापरवाही कहें या फिर सुविधा की कमी कि ये लोग अपने साथ जिले के सैकड़ों लोगों के जान से प्रतिदिन खिलवाड़ कर रहे हैं.
दरअसल, विगत 25 एवं 26 अप्रैल को आये भूकंप के बाद जिस नगर भवन की जजर्र स्थिति को देखते हुए जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने उसको तत्काल खाली करने का आदेश दिया था. साथ ही नगर भवन में किसी भी कार्यक्रम के संचालन पर भी रोक लगा दी थी. उसी नगर भवन में संचालित चार कार्यालयों को अब तक स्थानांतरित नहीं किया जा सका है.
दहशत में हैं कर्मी
जिला पदाधिकारी के रोक लगाये जाने के बाद भी नगर भवन से अब तक कार्यालयों का स्थानांतरण नहीं किया जा सका है. इस कारण इसमें काम करने वाले पदाधिकारी व कर्मचारियों में दहशत व्याप्त है.
इसके साथ ही इस कार्यालय में काम क ो लेकर आने वाले सैकड़ों लोग भी दहशत में ही इस परिसर में प्रवेश करते हैं. विगत अप्रैल माह के 25 एवं 26 तारीख को आये भयानक भूकंप में नगर भवन की आलीशान इमारत जजर्र हो गयी थी. इसके बाद सुरक्षा को देखते हुए जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने तत्काल नगर भवन में किसी भी कार्यक्रम के संचालन पर रोक लगाने के साथ ही इस भवन में संचालित कार्यालयों को तत्काल खाली कर अन्य जगह पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.
आदेश पर असर नहीं
जिला पदाधिकारी के आदेश के ढ़ाई माह बीत जाने के बाद भी अब तक नगर भवन में संचालित कार्यालयों में से एक भी कार्यालय का स्थानांतरण नहीं हो सका है. जानकारी के अनुसार, नगर भवन में डीटीओ कार्यालय, सर्व शिक्षा कार्यालय, प्रसार भारती, अग्निशमन का कार्यालय संचालित हो रहा है.
इसमें से डीटीओ कार्यालय एवं सर्व शिक्षा कार्यालय में हर दिन ही सैकड़ों लोगों का आना जाना लगा रहता है. पर इस कार्यालय में काम करने वाले पदाधिकारी, कर्मचारी से लेकर जिला के सभी भागों से आने वाले लोगों को जान का खतरा बनी रहती है.
मिली जानकारी के अनुसार अब तक पदाधिकारियों को शहर में कहीं भी इन कार्यालयों के स्थानांतरण के लिये उपयुक्त जगह उपलब्ध नहीं हो सका है. जिस कारण इन कार्यालयों का स्थानांतरण नहीं हो सका है.

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