मधुबनी. विभिन्न प्रखंडों में बिना निबंधन के अवैध रूप से संचालित पांच निजी स्वास्थ्य संस्थानों पर सीएस डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. साथ ही संबंधित संचालकों को पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर संस्थानों को बंद कर डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी मधुबनी के नाम से अर्थदंड की राशि चेक या बैंक ड्राफ्ट जमा कर अनियमितता के संबंध में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. समय से स्पष्टीकरण नहीं देने पर संबंधित संचालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. जिले में एक वर्ष में 52 निजी स्वास्थ्य संस्थानों पर सीएस ने अर्थदंड लगाया है. इसमें पैथ लैब, नर्सिंग होम एवं क्लिनिक शामिल है. जिसमें से 40 संचालकों द्वारा अर्थदंड की राशि जमा की गई है. इससे सीएस कार्यालय को 20 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है.
इन नर्सिंग होम पर लगाया गया अर्थदंड :
केस-1: बेनीपट्टी निवासी त्रिलोक नाथ झा ने एमआर इमरजेंसी हॉस्पिटल पुपरी रोड बेनीपट्टी के संचालक मनीष रंजन के विरुद्ध जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया गया था. जिसके आलोक में सीएस डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बेनीपट्टी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. जांच में पैथ लैब बिना निबंधन के संचालित पाया गया. साथ ही अपशिष्ट निवारण प्रबंधन एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुज्ञप्ति नहीं पाया गया. जांच पदाधिकारी के प्रतिवेदन के बाद सीएस ने एमआर इमरजेंसी हॉस्पिटल का संचालन अवैध रूप से होने के कारण 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है.केस-2 : बिस्फी प्रखंड के बेंगरा निवासी राहुल कुमार पासवान ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां लक्ष्मी स्वास्थ्य सेवा सदन घोघरडीहा की जांच के लिए परिवाद दायर किया था. सीएस डा. नरेश कुमार भीमसारिया ने लक्ष्मी स्वास्थ्य सेवा सदन घोघरडीहा की जांच के लिए उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर को नामित किया. सीएस को सौंपे जांच प्रतिवेदन में जांच पदाधिकारी ने नर्सिंग होम बिना औपबंधिक निबंधन एवं मानक के अनुरूप संचालित होने की पुष्टि की. जांच पदाधिकारी के प्रतिवेदन के आलोक में सीएस ने लक्ष्मी स्वास्थ्य सेवा सदन पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है.
केस-3 : बिस्फी प्रखंड के बेंगरा निवासी राहुल कुमार पासवान ने बेनीपट्टी में बिना साइन बोर्ड के संचालित नर्सिंग होम की जांच के लिए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया था. परिवाद के आलोक में सीएस ने संस्थान की जांच दो सदस्यीय चिकित्सक दल द्वारा कराया. जिसमें उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी झंझारपुर शामिल थे. जांच क्रम में नर्सिंग होम का औपबंधिक निबंध नहीं पाया पाया गया. साथ ही नर्सिंग होम में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एएनएम भी कार्यरत नहीं पाए गए. जांच प्रतिवेदन के आधार पर सीएस ने बिना साइन बोर्ड के संचालित नर्सिंग होम पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है.केस-4 : बिस्फी प्रखंड के बेंगरा निवासी राहुल कुमार पासवान ने बेनीपट्टी हेल्थ केयर सेंटर की जांच के लिए जिला लोक सेवा शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया था. परिवाद के आलोक में सीएस ने संस्थान की जांच दो सदस्यीय चिकित्सक दल की ओर से कराया गया. जिसमें उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी झंझारपुर शामिल थे. जांच में नर्सिंग होम का औपबंधिक निबंध नहीं पाया पाया गया. साथ ही नर्सिंग होम में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एएनएम भी कार्यरत नहीं पाए गए. जांच प्रतिवेदन के आधार पर सीएस ने बेनीपट्टी हेल्थ केयर सेंटर पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है.
केस-5 : बेनीपट्टी निवासी त्रिलोकनाथ झा ने डॉ. शशिकांत झा क्लिनिक बेनीपट्टी की जांच के लिए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया था. परिवाद के आलोक में सीएस द्वारा संस्थान का जांच दो सदस्यीय चिकित्सक दल द्वारा कराया गया. इसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कलुआही एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पंडौल शामिल रहे. जांच क्रम में क्लिनिक का औपबंधिक निबंध नहीं पाया पाया गया. जांच प्रतिवेदन के आधार पर सीएस ने डॉ. शशिकांत झा क्लिनिक बेनीपट्टी पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है.