पढ़ाई के समय खाना बनाते हैं छात्र

वाटसन स्कूल हॉस्टल को रसोई घर तक नसीब नहीं, अन्य सुविधाओं का भी अभाव मधुबनी : शहर का वाटसन हाइस्कूल का छात्रवास जो कभी मेधावी छात्रों का आशियाना हुआ करता था. जहां छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध थी, आज वह खंडहर में तब्दील हो गया है. वर्ष 1915 के आसपास इस ऐतिहासिक छात्रवास का निर्माण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2015 2:26 AM
वाटसन स्कूल हॉस्टल को रसोई घर तक नसीब नहीं, अन्य सुविधाओं का भी अभाव
मधुबनी : शहर का वाटसन हाइस्कूल का छात्रवास जो कभी मेधावी छात्रों का आशियाना हुआ करता था. जहां छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध थी, आज वह खंडहर में तब्दील हो गया है. वर्ष 1915 के आसपास इस ऐतिहासिक छात्रवास का निर्माण अंगरेजी हुकूमत के समय में किया गया था.
स्कूल में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को ही छात्रवास में रहने दिया जाता था. इन 100 सालों में छात्रवास हर तरह से दुर्गति का शिकार होता रहा है. अब इसमें न बिजली है और न समुचित पानी. छात्रों ने गरीबी के कारण इस छात्रवास में रहना अपनी नियति मान ली. छात्रवास में रह रहे छात्रों का दर्द बढ़ता ही जा रहा है. प्रभात खबर ने इस छात्रवास की पड़ताल की तो छात्रों ने अपना दर्द कुछ इस तरह बया किया.
छात्रवास में मेस की सुविधा नहीं
छात्रवास में रह रहे छात्र विद्यानंद यादव बताते हैं कि छात्रवास में मेस की व्यवस्था नहीं रहने के कारण छात्रवास में रह रहे सभी छात्रों को अपना खाना खुद बनाना पड़ता है. इससे उनका घंटों समय बरबाद हो जाता है. पढ़ाई के समय में खाना बनाना पड़ता है.
अंधेरे में है छात्रवास
छात्रवास में रह रहे कक्षा दसके छात्र प्रदीप कुमार यादव कहते हैं कि कहने को तो यह जिला का गौरवशाली छात्रवास है, लेकिन हकीकत यह है कि छात्रवास में बिजली विभाग का कनेक्शन तक नहीं है.
शाम ढलते ही छात्रवास परिसर अंधेरे में डूब जाता है. छात्रवास में रह रहे छात्रों ने एक स्वर से डीएम गिरिवर दयाल सिंह और विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से अनुरोध किया है कि छात्रवास को प्राथमिकता के आधार पर बिजली का कनेक्शन दें, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.
नहीं है सुरक्षा
छात्रवास में रह रहे कक्षा दस के गोनू पाल कहते हैं छात्रवास की दीवार को तोड़कर पिछले कई साल से छात्रवास परिसर होकर आम रास्ता बना लिया गया है. असामाजिक तत्वों के छात्रवास परिसर में घुस आने से छात्रवास परिसर में रह रहे छात्रों पर असुरक्षा का खतरा मंडरा रहा है.
चापाकल से नहीं निकल रहा पानी
छात्रवास में रह रहे कक्षा दस के छात्र बलराम कुमार कहते हैं कि एक चापाकल है. बराबर खराब हो जाता है. पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ता है. शौचालय के छत की ऊंचाई कम रहने का कारण सिर में चोट लगने की पूरी पूरी संभावना रहती है. कई छात्रों को चोट भी लग चुकी है.
न खिड़की दुरुस्त न दरवाजा
छात्रवास के छात्र सोनू कुमार कक्षा दस कहते हैं कि खिड़की से रॉड गायब है. दरवाजे काफी कमजोर हो चुके हैं. चोरी की आशंका बनी रहती है. छत से बरसात में पानी रिसता है. छत कई जगहों पर जजर्र हो गयी है. दीवारों में शीलन आ गयी है. भूकंप के दौरान छात्र डरे सहमे रहते है.
जजर्र खंडहर मेस से निकल रहे सांप
छात्रवास में रह रहे छात्र शिवनाथ कुमार कहते हैं कि खंडहर बने मेस भवन और छात्रों के भोजन करने के भवन को देखकर ही डर लगता है. यह सांपों का बसेरा है. भवन पर जंगल उग आये है. इसकी सफाई वर्षो से नहीं करायी जा रही है.
सालाना लगता एक हजार रुपये फी
छात्रवास के छात्र नायक कक्षा दस के छात्र सत्यम कुमार कहते है कि सिंगल कमरे का एक हजार रुपये सालाना और चार सीट वाले कमरे का 650 रुपये सालाना लगता है. उनका कहना है कि कमरों के आगे पीछे जल जमाव होने से मच्छरों का प्रकोप छात्रवास में काफी बढ़ गया है. छात्र मुसीबत में है.
600 छात्रों की है क्षमता
इस छात्रवास में रह रहे छात्रों ने बताया कि यहां 60 छात्र रह सकते है. जबकि हॉस्टल के प्रीफेक्ट सत्यम कुमार ने बताया कि वर्तमान में सिर्फ 34 छात्र ही रह रहे हैं.
नया छात्रवास भवन का सपना अधूरा
इसे छात्रों का दुर्भाग्य कहिए या विभाग की लापरवाही अभी तक नये छात्रवास भवन का निर्माण नहीं हो सका है. खामियाजा भुगत रहे है छात्र. पढ़ाई से अधिक समय समस्याओं से जूझने में ही लग जाता है.
भग्नावशेष में तब्दील
मेस भवन और डाइनिंग कक्ष का भवन जजर्र होकर भग्नावशेष में तब्दील हो गया है. इसके ऊपर जंगली झाड़ी उग आयी है जो डरावनी तसवीर पेश करती है.
सपना रहा अधूरा
टूटी दीवार को बंद कराकर छात्रवास परिसर को आम रास्ता बनाने से रोकने की छात्रों की तमाम कोशिशें विफल साबित हुई. दिन रात लोगों के साथ-साथ मवेशियों का आना जाना लगा रहता है.
टूटे दीवार से असामाजिक तत्वों के घुसने की आशंका से छात्र डरे सहमे है. अधिकांश छात्र दूर दराज गांव व क्षेत्र के है. वे टूटी चहारदीवारी को ठीक करा आम रास्ता को बंद करने की मांग कर रहे हैं.
क्या कहते हैं हेडमास्टर
वाटसन हाइस्कूल के हेडमास्टर रामकृष्ण मिश्र ने बताया कि उन्होंने चार दिन पूर्व ही कार्यभार संभाला है. छात्रवास के प्रभारी शिक्षक से पूरी जानकारी लूंगा. उसके बाद ही समस्या के समाधान की दिशा में ठोस कार्रवाई करूंगा.

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