Advertisement
कम उम्र में प्रसव से 10 बच्चों की मौत
2011 के जनगणना रिपोर्ट से हुआ खुलासा, साढ़े सात हजार नाबालिगों की हुई शादी मधुबनी : जिले में जनगणना के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. हैरान और परेशान करने वाले खुलासे यह है कि बाल विवाह का दौर सरकारी सख्ती के बावजूद भी जारी है. दिलचस्प यह है कि इसकी तादाद घटने के […]
2011 के जनगणना रिपोर्ट से हुआ खुलासा, साढ़े सात हजार नाबालिगों की हुई शादी
मधुबनी : जिले में जनगणना के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. हैरान और परेशान करने वाले खुलासे यह है कि बाल विवाह का दौर सरकारी सख्ती के बावजूद भी जारी है. दिलचस्प यह है कि इसकी तादाद घटने के बजाय बढ़ी है. जनगणना 2011 की रिपोर्ट में ऐसे कई तथ्यों का खुलासा हुआ है कि जिले में पिछले चार साल में साढ़े सात हजार से ज्यादा बाल विवाह हुए हैं.
इनमें से अधिकांश 15 साल से कम उम्र की है. इन नाबालिग विवाहों से तीन हजार सात सौ बच्चों ने जन्म लिया था, लेकिन इनमें से तीन हजार पांच सौ एक ही जीवित रह पाये. जीवित रहने वाले बच्चों में 1966 लड़के और 1535 लड़की रही. इस सरकारी आंकड़े को स्वंयसेवी संस्थान पीएससीएफ कमतर बताती है. पीएससीएफ के सर्वे के मुताबिक पिछले चार साल में बाल विवाह का आंकड़ा आठ हजार से अधिक बताया जाता है.
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मौतें
कसबों में 15 साल से कम उम्र में शादी का सबसे अधिक प्रचलन है. कम उम्र में शादी के बाद मां बनने का खामियाजा ग्रामीण इलाके की नाबालिग विवाहिताओं को भुगतना पड़ता है. आंकड़े के मुताबिक जिले में 2011 जनगणना के दौरान सात हजार पांच सौ अड़तीस शादी हुई थी. इसमें से 81.2 फीसदी शादी ग्रामीण इलाके में हुई बतायी जाती है. इनमें अधिकांश नाबालिग की उम्र 14 से 17 के बीच बतायी गयी है. इन शादियों के बाद अगले एक से दो साल के बीच तीन हजार सात सौ नाबालिग का प्रसव हुआ. जिसमें 199 बच्चों की मौत प्रसव के दौरान ही हो गयी. जबकि 67 जच्चे की मौत की बात सामने आयी है.
शहरी क्षेत्र में कम हुई मौत
जिले के शहरी इलाकों में भी 15 साल से कम उम्र की करीब 1525 लड़कियों का बाल विवाह हुआ था. इन नाबालिग विवाहिताओं से 702 बच्चे जन्म लिए, जिसमें 39 की मौत हो गयी. जीवित बच्चे में 398 लड़के और 322 लड़की हैं. ऐसे बाल विवाह के बाद जन्मे बच्चों की शहरी क्षेत्र में कम मौत हुई है. पीएससीएफ के सचिव जी सी झा बताते हैं कि शहरी इलाके में स्वास्थ्य सेवा का संसाधन होने के कारण नाबालिगों के प्रसव के बावजूद भी मौत के आंकड़े कम हैं.
गरीबों में अधिक होती शादी
आइबी स्मृति आरोग्य सदन दरभंगा की प्रसूति विशेषज्ञ कम उम्र में शादियों का सबसे अधिक मामले गरीब तबकों में पाया गया है. खासकर महादलित परिवारों में अब भी लड़कियों की शादी 12 साल से अधिक होते ही हो जाती है. तर्क यह होता है कि मजदूरी कर पेट पालने वाला यह तबका बेटी की शादी को जिंदगी का अहम हिस्सा मानते हैं कि और यही वजह है कि बेटी की शादी जल्द से जल्द करा दी जाती है.
रिपोर्ट के अनुसार, कम उम्र में गर्भधारण के ज्यादा मामले गरीब तबके में पाये गये हैं. वजह कई गिना दिये जाते हैं, जिसमें शिक्षा की कमी, खराब लिंग अनुपात व औरतों को दबाकर रखने की सोच को मूल रूप से बाल विवाह के जिम्मेदार माना जाता है.
मधुबनी : जिले में नव पदस्थापित पुलिस अधीक्षक अख्तर हुसैन ने मंगलवार को समाहरणालय अवस्थित पुलिस अधीक्षक के कार्यालय कक्ष में पद भार संभाला. एसपी ने पत्रकारों के साथ वार्ता के क्रम में बताया कि वे विधि व्यवस्था के संधारण में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. एसपी ने बताया कि आसन्न विधान सभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग के निर्देश का अनुपालन किया जायेगा.
शहर में ट्रैफिक समस्या को लेकर पूछे गये प्रश्न के जवाब में एसपी ने बताया कि ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए अचित ट्रैफिक व्यवस्था की जायेगी. शहर महत्वपूर्ण चौक -चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement