मधुबनी में एडीजे, तृतीय के कोर्ट ने सुनायी थी फांसी की सजा

मधुबनी : चार वर्ष पहले बरात आयी छह वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में एडीजे तृतीय की कोर्ट ने दो अभियुक्तों की फांसी की सजा बरकरार रखी है. मामले में मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 7:41 AM
मधुबनी : चार वर्ष पहले बरात आयी छह वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में एडीजे तृतीय की कोर्ट ने दो अभियुक्तों की फांसी की सजा बरकरार रखी है.
मामले में मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनमोहन शरण लाल ने सजा सुनायी. इसमें पंडौल थाना क्षेत्र के बथने निवासी अभियुक्त सुरेश मंडल व नाहर भगवतीपुर निवासी कैलाश पासवान को दफा 302/34 में फांसी की सजा सुनायी गयी है. वहीं दफा 376/34 में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही दोनों पर दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
हाइकोर्ट में की गयी थी अपील : इस मामले में दोनों अभियुक्तों को नौ जुलाई, 2013 को फांसी की सजा सुनायी गयी थी. हाइकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश में आरोप गठन पर बयान में त्रुटि पाने के कारण पुन: नये सिरे से आरोप का गठन कर चार महीने में विचारण का आदेश दिया था. न्यायालय ने हाइकोर्ट के निर्देश पर पुन: विचारण करते हुए मंगलवार को फांसी की सजा बरकरार रखी.

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