रेलवे स्टेशन पर गंदगी ही गंदगी
मधुबनी : मधुबनी रेलवे स्टेशन की हालत इन दिनों ठीक नहीं है. इन दिनों कचरे का अंबार लगा रहता है. हर तरफ कचरा ही कचरा पसरा है. आलम यह है गंदगी के कारण यात्रियों को बैठने में भी दिक्कत होती है. रेलवे के बाहरी परिसर से लेकर प्लेटफाॅर्म, ट्रैक, टिकट कांउटर हर तरफ कूड़ा करकट […]
मधुबनी : मधुबनी रेलवे स्टेशन की हालत इन दिनों ठीक नहीं है. इन दिनों कचरे का अंबार लगा रहता है. हर तरफ कचरा ही कचरा पसरा है. आलम यह है गंदगी के कारण यात्रियों को बैठने में भी दिक्कत होती है. रेलवे के बाहरी परिसर से लेकर प्लेटफाॅर्म, ट्रैक, टिकट कांउटर हर तरफ कूड़ा करकट है. जगह-जगह पशु के गोबर, प्लास्टिक की थैली पसरी यहां मिल जायेगी.
गंदगी देखने से लगता है कि कई दिनों से झाड़ू यहां नहीं चली है. इन दिनों बाहर से दुर्गा पूजा में लोग अपने घर आ रहे हैं. मधुबनी स्टेशन का हाल देख दंग रह जाते हैं. यात्रियों को एक मिनट भी ठहरने का दिल नहीं करता है, लेकिन क्या करें ट्रेन पकड़ने की मजबूरी है.
10 अक्तूबर से ही सफाई बंद दरअसल, मधुबनी रेलवे स्टेशन पर सफाई कार्य बाहरी एजेंसी से कराया जा रहा है. एजेंसी ने 10 अक्तूबर की शाम से काम करना बंद कर दिया. रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक ने सफाई नहीं होने की सूचना वरीय अधिकारी को भी दी. चार-पांच दिन पहले डीआरएम सुधांशु शर्मा भी स्टेशन का निरीक्षण कर चुके हैं. सफाई के विषय में नये एजेंसी को जिम्मा देने की भी बात कही, लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक पुराने एजेंसी का ठिका निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है.
इधर तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एक कर्मी से सफाई कराये जाने की बात कही जा रही है. जो नाकाफी लगती है. लोगों का कहना है कि रेलवे सफाई व्यवस्था पर गंभीर नहीं दिख रही है. रेलवे को तत्काल सफाई पर ध्यान देना चाहिये. रेलवे स्टेशन पर फिलहाल ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां आप सकून से बैठ सकें. कई यात्रियों को नाक पर रुमाल रख बैठे देखा जायेगा . आवारा पशुओं का विचरण यहां आम है. क्या कहते हैं अधिकारी स्टेशन अधीक्षक एससी दास का कहना है कि निजी तौर पर एक सफाई कर्मी से सफाई करायी जा रही है.