नयी तकनीक से करें खेती

मधुबनीः जब तक लोग नये तकनीक का उपयोग कर खेती नहीं करेंगे तब तक लोगों को इससे फायदा नहीं मिलेगा. कृषि विभाग किसानों को कम खर्च में अधिक उपज दिलाने के उद्देश्य से रोज नये तकनीक विकसित कर रहा है. इसी के रूप में पंक्ति में गेहूं की खेती करने की तकनीक विकसित की गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2013 4:58 AM

मधुबनीः जब तक लोग नये तकनीक का उपयोग कर खेती नहीं करेंगे तब तक लोगों को इससे फायदा नहीं मिलेगा. कृषि विभाग किसानों को कम खर्च में अधिक उपज दिलाने के उद्देश्य से रोज नये तकनीक विकसित कर रहा है. इसी के रूप में पंक्ति में गेहूं की खेती करने की तकनीक विकसित की गयी है. यह किसानों के लिये वरदान साबित होगी. उक्त बातें जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने कही. श्री सिंह सोमवार को नगर भवन में कृषि विभाग द्वारा आयोजित रबी कर्मशाला में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि पंक्ति में ही शक्ति है. योजना का मूल उद्देश्य किसानों को इस विधि से खेती करने के लिये प्रेरित करना है. जब किसान पंक्ति में खेती करेंगे तो ना सिर्फ उनकी लागत कम लगेगी बल्कि परंपरागत तरीके से खेती के अपेक्षा कई गुणा अधिक उपज भी प्राप्त होती है. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ हो जाती है. जिला पदाधिकारी श्री सिंह ने उपस्थित पदाधिकारियों से इस योजना में पारदर्शिता बरते जाने का निर्देश दिया.

मिल कर करें कार्य : डीएओ

जिले में मिशन रबी फसल योजना की शुरुआत सोमवार को हो गयी. इसके तहत कर्मशाला का आयोजन कर कृषि विभाग के पदाधिकारी व अन्य लोगों को योजना की व्यापक रूप से जानकारी के साथ एकजुट होकर काम करने की सलाह दी गयी. उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी के के झा ने कहा कि खरीफ फसल में सुखाड़ की भार ङोल रहे किसान की पूरी उम्मीद अब रबी फसल पर ही टिकी हुई है. ऐसे में यह आवश्यक है कि बीएओ, कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार एक टीम भावना के साथ किसानों को पारदर्शिता से योजना से लाभान्वित करायें. कर्मशाला का संचालन करते हुए जिला स्तरीय कृषि समन्वयक रंधीर भारद्वाज ने वित्तीय वर्ष 13-14 में रबी व अन्य योजनाओं की व्यापक रूप से जानकारी दी. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जायेगी. इसमें 22250 एकड़ में स्वी विधि से खेती की जानी है. इसके तहत 14250 एकड़ में डांट प्रत्यक्षण तथा 8 हजार एकड़ में प्रत्यक्षण किया जायेगा. वहीं जिरो टिलेज से 16 हजार एकड़ में गेहूं की खेती की जायेगी. कर्मशाला में उपकृषि निदेशक पौधा संरक्षण प्रभात कुमार, उद्यान पदाधिकारी अजीत कुमार यादव, परियोजना निदेशक रेवती रमण, सुरेंद्र प्रसाद, कनीय पौधा संरक्षण बी के सिंह, रामराजी सिंह, तनवीरूल हक, प्रफुल्ल कुमार, एस ए रब्बानी सहित सभी बीएओ कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version