विद्यालय के बरामदे व परिसर में लगती दुकानें

अंधराठाढ़ी : प्रखंड मुख्यालय स्थित मध्य विद्यालय अंधरा बाजार में दो दिन बाजार लग जाता है. लोगों को यह समझ ही नहीं आता कि इस विद्यालय में पठन पाठन का काम होता है या फिर बाजार के लिए ही इसे बनाया गया है. जिस बरामदे पर छात्रों को रहना चाहिए उस बरामदे पर सब्जी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 6:13 AM

अंधराठाढ़ी : प्रखंड मुख्यालय स्थित मध्य विद्यालय अंधरा बाजार में दो दिन बाजार लग जाता है. लोगों को यह समझ ही नहीं आता कि इस विद्यालय में पठन पाठन का काम होता है या फिर बाजार के लिए ही इसे बनाया गया है. जिस बरामदे पर छात्रों को रहना चाहिए उस बरामदे पर सब्जी की दुकानें सज जाती हैं.

दिन भर सैकड़ों लोग इस बाजार में आकर सामान की खरीदारी करते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में हटिया में सामान बेचने आये दुकानदार व सामान खरीदने आये लोगों का शोर गुल इतना अधिक होता है कि बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो जाती है.

जानकारी के अनुसार, सोमवार और शुक्रवार को विद्यालय परिसर में ही हटिया लग जाता है. सुबह होते ही दुकानदार सब्जी, आलू, दलहन व अन्य सामानों की दुकानें सजा देते हैं. जो दिन भर लगी रहती हैं.
इससे विद्यालय आने जाने में भी परेशानी होती है. पठन-पाठन कार्य पूरी तरह बाधित रहता है. यह सिलसिला वर्षों से जारी हैं. बताते चले की मध्य विद्यालय अंधरा बाजार के पास अपनी जमीन नहीं है. यह सरकारी हटिया की जमीन में है. सरकार को हर साल हटिया की बंदोबस्ती से लाखों रुपये की कमाई होती है. अपनी जमीन नहीं रहने के कारण मध्य विद्यालय का भवन और परिसर हटिया जमीन पर ही निर्मित है.
स्कूल परिसर की घेराबंदी भी हटिया के कारण संभव नहीं है. सप्ताह में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को यहां इलाका का सबसे बड़ा हटिया लगता है. रोजमर्रा की सभी चीजों की मंडी यहां लगती है. विक्रेता विद्यालय के बरामदे के नीचे से लेकर पूरे परिसर में बैठ दूकान लगाते है. बहुत सारे विक्रेता अपना सामान विद्यालय के बरामदे पर भी रखते हैं. क्रेता विक्रेताओं के शोरगुल में बच्चों की पढ़ाई न केवल बाधित रहती है बल्कि शिक्षक छात्रों को भी आवाजाही में दिक्कतों की सामना करना पड़ता है. इसी परिसर में हटिया की कई मार्केट शेड, गोदाम के अलावे स्थायी दुकानें भी हैं.
गुम होने के डर से बच्चे नहीं जाते स्कूल
भीड़-भाड़ के कारण छोटे-छोटे बच्चे के गुम होने और उच्चकों द्वारा उनके उड़ाये जाने का भी खतरा मंडराता रहता है. इन दिनों अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोकते हैं. हटिया के दिन स्कूल का मिड-डे-मील भी बाधित हो जाती है, क्योंकि बच्चों को बैठकर खाने की जगह कम पड़ जाती है.
मालूम हो कि वर्ष 1976 में स्थापित इस विद्यालय में फिलहाल 1045 छात्र-छात्राएं एवं 19 शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं. स्कूल में वर्ग आठ तक की पढ़ाई होती है. सात वर्ग कक्ष में दो क्षति ग्रस्त है. मात्र पांच कमरों में वर्ग आठ तक की पढ़ाई करने और 1045 छात्र-छात्राओं को बैठाने की मजबूरी विद्यालय प्रशासन की है. जाहिर है कि विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई की माहौल नहीं बन पाता है. बावजूद इसके मात्र दो शौचालय है. छात्राएं भीड़-भाड़ के कारण इसका इस्तेमाल नहीं कर पाती है.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अनोठी राम ने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस विद्यालय की कठिनाइयों से परिचित है. छात्रों के अनुपात में चार शौचालय एवं न्यूनतम चार वर्ग कक्षों की जरूरत है. विद्यालय परिसर की घेराबंदी उससे भी अधिक
आवश्यक है.
कहते हैं अधिकारी
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विरेंद्र प्रसाद ने कहा कि मध्य विद्यालय अंधरा बाजार संकुल स्तरीय विद्यालय है. मैं हाल में हीं यहां आया हूं. विद्यालय की समस्या वास्तव में गंभीर है. उच्चाधिकारियों से मिलकर इसके निदान के लिए भरसक प्रयास किया जायेगा.

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