ग्रामीणों ने चंदा कर बनाया एक करोड़ का पुल
ग्रामीणों ने चंदा कर बनाया एक करोड़ का पुल एक साल में किया कारनामा, पर एप्रोच पथ नहीं बनने से समस्या बरकरार जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी कर रहे अनसूनी फोटो: 1परिचय: दुधौल घाट पर बना पुल बिस्फी (मधुबनी) . दिनकर द्वारा लिखित रश्मि रथि के एक संसर्ग में लिखा गया पंक्ति” मानव जब जोड़ लगाता है […]
ग्रामीणों ने चंदा कर बनाया एक करोड़ का पुल एक साल में किया कारनामा, पर एप्रोच पथ नहीं बनने से समस्या बरकरार जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी कर रहे अनसूनी फोटो: 1परिचय: दुधौल घाट पर बना पुल बिस्फी (मधुबनी) . दिनकर द्वारा लिखित रश्मि रथि के एक संसर्ग में लिखा गया पंक्ति” मानव जब जोड़ लगाता है पत्थर पानी बन जाता है. गुण बड़े एक से एक प्रखर हैं छिपे मानवों के भीतर. इन दिनों बिस्फी प्रखंड के सादुल्लहपुर, रघौली सहित कुछ पंचायतों के लोगों ने इस पंक्ति को सौ फीसदी सही साबित कर दिखाया है. इन लोगों ने आपस में चंदा इकठ्ठा कर एक करोड़ रूपये की लागत से दुधौल घाट पर स्क्रू पुल का निर्माण कर यह साबित कर दिया है कि यदि लोग एक जुटता दिखायें तो कोई भी काम असंभव नहीं है. लोगों को जब परेशानी से निजात मिलने की कही कोई उम्मीद नहीं दिखी तो फिर आपस में ही सभी ने मिल कर समस्या के निदान की पहल करने की ठान ली. फिर चंदा सहयोग मांगने का काम शुरू किया गया तो देखते ही देखते एक करोड़ रूपये चंदा इकठ्ठा हो गये. और लोगों ने मिल कर दुधौल घाट पर पुल का निर्माण कर एक मिसाल कायम कर दी है. पर इतने मेहनत, मिसाल कायम करने के बाद भी पूरी सफलता हासिल नहीं हो सका है. जिसका क्षेत्र के लोगों में मलाल है. चंदा कर बनाया पुल बिस्फी प्रखंड के कई क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने या दरभंगा जाने में करीब 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. चहुटा, सदल्लहपुर, सिंधिया पूर्वी, पश्चिमी रधौली के लोगाें को प्रखंड मुख्यालय आने में केवटी, कमतौल होते हुए आना जाना पड़ता था. इसके निदान के लिये जरूरी था कि धौंस नदी पर एक पुल बनायी जाय. पुल बन जाने से 15 किलोमीटर की जगह पर मात्र पांच किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचा जा सकता है. इसको लेकर कई बार लोगाें ने प्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक से समस्या से अवगत कराते हुए समस्या के निदान करने की गुहार लगायी. पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. फिर चहुटा दुर्गा मंदिर के महंथ कौशल किशोर के नेतृत्व में कमला ग्रामीण विकास समिति न्यास के बैनर तले पांचों पंचायत के लोगों की बैठक बुलायी गयी. जिसमें समस्या से निदान को लेकर व्यापक तौर पर विचार विमर्श किया गया. अंत में यह सहमति बनी कि सभी चंदा इकठ्ठा कर दुधौल घाट पर पुल का निर्माण करेंगे. इस काम में मुखिया ललन झा,मो नसरूल्लाह,उमेष यादव,मो नेयाज, नारायण मिश्र, फकीरा पासवान,सहित न्यास से जुडें सदस्य एवं अन्य लोग शामिल हैं. एक करोड़ चंदा हुआ एकत्रित लोगों को अपनी समस्या का निदान अब खुद ही करना था. इसके लिये चंदा चाहिये तो सभी ने बढ चढ कर चंदा देना शुरू किया.नतीजा यह हुआ कि देखते ही देखते एक करोड़ रूपये चंदा इकठ्ठा हो गया. पुल बनने का काम भी शुरू हो चुकी थी. स्क्रू पुल का निर्माण कार्य करीब एक साल में पूरा हो गया. पुल निर्माण काम में लोगों ने आम जनता से सहयोग लिया है. अब तक ना तो किसी जनप्रतिनिधि ने चंदा दिया है और ना ही किसी अधिकारी ने. पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास स्थानीय विधायक डा. फैयाज अहमद के द्वारा किया गया. नहीं बना एप्रोच पथलोगो ंने अपने दम पर एक करोड़ की लागत से पुल का निर्माण तो कर दिया. पर अब भी उस समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिल सकी है. दरअसल पुल तक पहुंचने के लिये अब तक एप्रोच पथ नहीं बना है. एक बार फिर लोगों के सामने वही समस्या आ गयी है. जिसे दूर करने के लिये लोगों ने एक करोड़ चंदा इकठ्ठा कर लिया था. इस दिशा में किसी भी जनप्रतिनधि या अधिकारी का सहयोग नहीं मिलने से लोगों में नारजगी व्याप्त है. कमला ग्रामीण विकास समिति न्यास के अध्यक्ष कौशल किशोर बताते हैं कि आम लोगों ने चंदा इक ठ्ठा कर पुल का निर्माण कर दिया. अब एप्रोच पथ के निर्माण नहीं होने से परेशानी है. एप्रोच पथ के निर्माण के लिये भी अनुमानित लागत भी कई लाख रूपये आयेगी. अब यदि फिर से चंदा इकठ्ठा करते हैं तो फिर एक दो साल का समय लग जायेगा. अब तो जनप्रतिनिधि या अधिकारी को इस दिशा में पहल करनी चाहिये. सांसद को जानकारी तक नहीं कहते हैं कि जनप्रतिनिधि जनता की समस्या को सरकार तक पहुंचाने व उसके निदान की दिशा मे ंपहल करते हैं. पर यह इस क्षेत्र के लोगों के लिये दुखद पहलू ही कहा जाय कि क्षेत्र के सांसद को इस कारनामे व परेशानी की जानकारी तक नहीं है. लोगों ने ऐतिहासिक कारनामा कर दिया है. जिसकी गूंज कई जिलों में पहुंच चुकी है. पर सांसद इससे पूरी तरह अनभिज्ञ हैं. सांसद हुक्मदेव नारायण यादव बताते हैं कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी तक नहीं है. यदि एक करोड़ चंदा कर लोग पुल बना सकते है तो महज कुछ लाख रूपये के लिये एप्रोच पथ क्यों नहीं बना. क्या कहते हैं अधिकारी इस बाबत जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने बताया है कि इस दिशा में जल्द ही विभागीय अभियंता को भेजकर एप्रोच पथ के निर्माण का काम शुरू कर दिया जायेगा. ग्रामीणों की पहल सराहनीय हैं.