सहकारी समितियां आरटीआई कानून में नहीं

सहकारी समितियां आरटीआई कानून में नहीं मधुबनी. रहिका सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक बेनीपट्टी शाखा द्वारा केसीसी ऋण का विवरण अरेर पंचायत के संजय पांडे व कामेश्वर पांडे ने शाखा से केसीसी ऋण का विवरण की सूचना लोक सूचना के तहत मांगा गया था. लेकिन दोनों व्यक्ति को शाखा द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराया गया. इसको लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2016 6:52 PM

सहकारी समितियां आरटीआई कानून में नहीं मधुबनी. रहिका सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक बेनीपट्टी शाखा द्वारा केसीसी ऋण का विवरण अरेर पंचायत के संजय पांडे व कामेश्वर पांडे ने शाखा से केसीसी ऋण का विवरण की सूचना लोक सूचना के तहत मांगा गया था. लेकिन दोनों व्यक्ति को शाखा द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराया गया. इसको लेकर दोनों ने कई जगह आवेदन दिया है. इधर बेनीपट्टी शाखा के प्रबंधक अजय कुमार ने एक बयान जारी कर कहा कि केसीसी ऋण से संबंधित मामला को लेकर जो आरटीआइ किया गया था वह गलत है. क्योंकि केसीसी ऋण से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना खाता धारक के सिवा दूसरे आदमी को नहीं दिया जा सकता है. श्री कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सहकारी समितियां आरटीआई कानून में नहीं आती है. सहकारी समितियों को किसी प्रकार की सूचना को सार्वजनिक करने का निर्देश नहीं हैं. वहीं पैक्स अध्यक्ष संजीव कुमार राय ने बताया कि आरटीआई करने वाला दोनों व्यक्ति सिर्फ परेशान कर रहे हैं. श्री राय ने बताया कि संजय पांडे इससे पूर्व चुनाव में हार चुके हैं. इससे पहले भी वर्ष 2014 में उक्त व्यक्ति पर मधुबनी न्यायालय में एक नालिसी किया गया था. दोनों व्यक्ति बार-बार बैंक के काम में दखल दे रहा है. श्री राय ने बताया कि आरटीआई मामला को लेकर उच्च न्यायालय में पूर्व से केस दायर है. जब तक उसका निर्णय नहीं होगा तब तक किसी प्रकार की सूचना नहीं दी जा सकती है. इधर केसीसी धारको ने शाखा में आवेदन देकर अपनी खाता का जानकारी किसी अन्य व्यक्ति को नहीं देने का आग्रह किया है. अरेर उत्तरी पैक्स के राजदेव चौधरी, रामवतार, विद्या देवी, राकेश कुमार जानदार , निर्मला देवी, गिरींद्र पांडे, राघवेंद्र सिंह, मन्ना पांडे, निलू सिंह, रेणु देवी सहित लगभग चार दर्जन केसीसी धारक ने शाखा प्रबंधक को आवेदन देकर खाता को सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया है. इधर शाखा प्रबंधक श्री अजय कुमार ने बताया कि बैंक किसानों को समय पर ऋण देकर फसल उपजाने में सहायता करती है. ऋण के लिए सभी कागजात जब तक जमा नहीं होता है बैंक ऋण नहीं देती है.

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