जिले में खुलेगा बाल पर्यवेक्षण गृह : डीएम
मधुबनी : जिले में बाल पर्यवेक्षण गृह संचालित करने की स्वीकृति सरकार द्वारा मिल चुकी है. इसके लिए शहर में स्थित पुराने जेल परिसर की खाली पड़े जमीन का प्रस्ताव सरकार को भेजा जायेगा. 0 से 18 वर्ष तक के विधि विवादित बच्चों को जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. यदि ऐसे […]
मधुबनी : जिले में बाल पर्यवेक्षण गृह संचालित करने की स्वीकृति सरकार द्वारा मिल चुकी है. इसके लिए शहर में स्थित पुराने जेल परिसर की खाली पड़े जमीन का प्रस्ताव सरकार को भेजा जायेगा. 0 से 18 वर्ष तक के विधि विवादित बच्चों को जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है.
यदि ऐसे बच्चे को जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें पर्यवेक्षण गृह में भेजा जाता है.
जिले में बाल पर्यवेक्षण गृह नहीं रहने के कारण अभी ऐसे बच्चे को दरभंगा में पर्यवेक्षण गृह में भेजा जाता है. उक्त जानकारी जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने दी. जुबेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत गठित सलाहकार परिषद की बैठक में डीएम ने यह भी निर्णय लिया कि 0 से 18 वर्ष की भूली भटकी बालिकाओं को जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके अभिभावकों को सुपुर्द करने से पूर्व बालिका गृह में रखा जाता है. अभी ऐसी बालिकाओं को मुजफ्फरपुर में रखा जा रहा है.
यह भी निर्णय बैठक में लिया गया कि एनजीओ संचालित बालिका गृह की स्थापना जिला मुख्यालय में की जायेगी. जुबेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाई गठित है. जिसकी बाल संरक्षण में प्रभावी भूमिका है. जिले के प्रत्येक थाना प्रभारी पदेन बाल कल्याण पदाधिकारी होते हैं. जिला पदाधिकारी श्री सिंह ने सभी थाना प्रभारी तथा महिला थाना को कार्यशाला आयोजित कर संवेदनशील बनाने का निर्देश दिया है.