निजी विद्यालयों पर आयकर का शिकंजा
मधुबनी : आयकर रिर्टन दाखिल नहीं करने वाले सभी निजी विद्यालयों को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 142 98(1) को नोटिस जारी करने का निर्देश मुजफ्फरपुर के संयुक्त आयकर आयुक्त मो. शादाब अहमद ने दिया है. इसके लिए मुजफ्फरपुर जोन के सभी 11 जिलों के आयकर अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है. संयुक्त आयकर […]
मधुबनी : आयकर रिर्टन दाखिल नहीं करने वाले सभी निजी विद्यालयों को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 142 98(1) को नोटिस जारी करने का निर्देश मुजफ्फरपुर के संयुक्त आयकर आयुक्त मो. शादाब अहमद ने दिया है. इसके लिए मुजफ्फरपुर जोन के सभी 11 जिलों के आयकर अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है. संयुक्त आयकर आयुक्त स्वयं कई निजी स्कूल का दौरा अभिभावक के रूप में किया है एवं स्कूल के फीस से संबंधित जानकारी का पता लगाया है.
आयकर संयुक्त आयुक्त ने पाया है कि कई बड़े निजी स्कूल मनमाना रुपया छात्रों से वसूल रहे हैं और विद्यालय के आमदनी के अनुसार आयकर रिर्टन फाइल नहीं कर रहे है. निजी विद्यालयों की निगरानी के लिए मो. शादाब ने आयकर निरीक्षकों की टीम का गठन किया है. पिछले पांच वर्षों में कई कीड्स प्ले स्कूल एवं निजी विद्यालय खुले है जो स्मार्ट क्लास के नाम पर मोटी रकम वसूलते है ऐसे विद्यालयों के आमदनी की जांच की जाएगी.
तथा इनके बैंक खाता, भवन निर्माण में लगे पैसे की जांच कराई जाएगी. जिन विद्यालयों का आयकर रिर्टन जमा नहीं हो रहा है उन पर धारा 133 ए के तहत सर्वें की कारवाही की जाएगी. संयुक्त आयकर आयुक्त को यह शंका है कि प्राइवेट स्कूल के जमीन और भवन निर्माण में काला धन लगा है. इसलिए इन सारे तथ्यों की जांच कराई जाएगी.
ऐसे में केवन उन विद्यालयों को राहत दी जाएगी जो आर ए के तहत छूट का प्रमाण पत्र हासिल किए हुए विद्यालय है एवं अपना रिर्टन जमा कर रहे है. शिक्षा क्षेत्र में चल रहे कालेधन के कारोबार को रोकने के लिए विभाग कार्रवाई करने को तैयार है. उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी है वे विद्यालय के फीस का भुगतान चेक के माध्यम से करें.