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टैक्स का विरोध . स्वर्णकारों ने बंद कीं दुकानें

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By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2016 4:40 AM

हड़ताल शुरू, एक करोड़ का नुकसान

मधुबनी : एक्साइज कर बढाये जाने का जिला भर में व्यापक तौर पर विरोध शुरू हो गया है. गुरुवार को जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न भागों में सर्राफा व्यवसायी का दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गया. इस दौरान जिला मुख्यालय स्थित बड़ा बाजार में सर्राफा दुकानों में ताला लटकी रही. लोगाें ने सरकार द्वारा लगाये गये एक्साइज कर का पूरजोर विरोध किया. काला बिल्ला लगाकर बैठे.
वापस लेना होगा आदेश
संघ के अध्यक्ष विष्णु कुमार राउत के अगुआई में संघ के सदस्य व व्यापारियों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की यह नीति गलत है. कारपोरेट सेक्टर एवं मल्टीनेशनल कंपनियों के दबाव में आकर छोटे छोटे उद्योग को बंद करने की नीति पर सरकार काम कर रही है. इससे ना सिर्फ व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा बल्कि उपभोक्ताआें को भी परेशानी होगी.
यह छोटे और मंझोले व्यापारियों के पेट पर लात मारने वाला नियम है. एक ओर सरकार गरीबों व व्यापारियों को उपर उठाने की बात करती है तो दूसरी ओर जिस प्रकार का कानून लाया जाता है उससे गरीब व व्यापारी हतोत्साहित हो रहे हैं. यह किसी भी सूरत में जनहित व व्यापारियों के हित में नहींं है. कहा कि फिलहाल यह आंदोलन दो दिवसीय हड़ताल के साथ शुरू किया गया है. यदि सरकार इस पर सकारात्मक पहल करते हुए सर्राफा व्यापारियों की मांग को पूरा नहीं करती है
तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा. इस दौरान सचिव केदार नाथ, कोषाध्यक्ष केदार ठाकुर , पूर्व सचिव टिंकू कसेरा, दिनेश प्रसाद, ओम प्रसाद, राजू राउत, सहित कई व्यवसायी उपस्थित थे.
कारोबार पर असर
सर्राफा व्यापारियाें के हड़ताल का बाजार पर व्यापक असर पड़ा है. संघ के अध्यक्ष विष्णु कुमार राउत की माने तो जिला मुख्यालय में ही करीब 180 दुकानें हैं. जिसमें वर्तमान समय में भी करीब हर दिन 50 लाख से 60 लाख तक का कारोबार होता है. जबकि पूरे जिले में एक करोड़ तक का कारोबार होता है. बाजार बंद रहने से लोगों को भी परेशानी हुई. शादी विवाह के मौके पर इस प्रकार के हड़ताल से व्यापारी व आम लोगों को खासे दिक्कतें आयी.
सराफा व्यवसािययों ने जताया िवरोध
व्यवसायियों में आक्रोश
राजू राउत बताते हैं कि सरकार ने तो सर्राफा व्यापारियों के उपर कहर गिरा दिया है. अब जिस प्रकार का नियम बन गया है उसे देखते हुए दुकान चलाना असंभव है.
सचिव केदार नाथ बताते हैं कि हर ओर महंगाई है. लोगों का बाजार की ओर आना वैसे भी कम ही है. सरकार को छोटे व्यापारियों को बढावा देने के लिये कुछ सहूलियत देने वाले नियम लाना चाहिये था. पर सरकार ने इसके इतर इन व्यापारियों को परेशान करने वाले नियम को थोप दिया है.
अध्यक्ष विष्णु कुमार राउत बताते हैं कि नये बजट से सर्राफा व्यवसायियों में यह उम्मीद थी कि सरकार कुछ रियायत बरतेगी. पर लोगों की यह उम्मीद समाप्त हो गयी. सरकार ने एक्साइज कर बढ़ा कर इस व्यवसाय को बंद करने की तैयारी की है.
इसी प्रकार पूर्व सचिव टिंकू कसेरा बताते हैं कि जिस प्रकार एक्साईज एक्ट में संशोधन करते हुए विभाग के अधिकारियाें को सर्राफा व्यवसायी के दुकान की जांच करने का आदेश दिया गय है. इससे इन व्यवसायियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. यह नहीं होना चाहिए.
दिनेश प्रसाद बताते हैं कि दुकानदार के साथ साथ कारीगर के लिये भी सरकार ने नये नियम बनाये हैं इससे इन कारीगर के सामने परेशानी उत्पन्न हो जायेगी.
ओम प्रसाद बताते हैं कि यदि सरकार अपने नियम को वापस नहीं लेती है और रियायत नहीं बरतती है तो उग्र आंदोलन के लिये सर्राफा व्यवसायी बाध्य होंगे.
कोषाध्यक्ष केदार ठाकुर बताते हैं कि सरकार द्वारा लाये गये नये नियम से किसानों को भी परेशानी होगी. दो लाख से अधिक की खरीदारी करने पर अब उपभोक्ताआें को भी पैन नंबर देने की बाध्यता कर दी गयी है. यह परेशान करने वाला नियम है.

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