व्यवस्था. वर्ग कक्ष में बैठना हुआ मुश्किल, स्थिति नारकीय

नाले से आती है दुर्गंध मधुबनी : प्रारंभिक विद्यालयों में स्वच्छता अभियान को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय व प्रधान सचिव शिक्षा विभाग बिहार सरकार के निर्देश पर जिले में विभिन्न कार्यक्रम चलाये गये पर इनका हश्र आशा के प्रतिकूल रहा. अभी भी शहर के विद्यालयों की तस्वीर गंदगी की तस्वीर बयां कर रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2016 3:03 AM

नाले से आती है दुर्गंध

मधुबनी : प्रारंभिक विद्यालयों में स्वच्छता अभियान को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय व प्रधान सचिव शिक्षा विभाग बिहार सरकार के निर्देश पर जिले में विभिन्न कार्यक्रम चलाये गये पर इनका हश्र आशा के प्रतिकूल रहा. अभी भी शहर के विद्यालयों की तस्वीर गंदगी की तस्वीर बयां कर रही है.
नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण विद्यालयों में जगह जगह कूड़ा कचरा का ढेर लगा हुआ है. कहीं शौचालय में गंदगी है तो कहीं चापाकल के पास गंदा पानी लगा है. अधिकांश विद्यालयों में किचेन शेड नहीं रहने के कारण गंदगी परिसर में पसर रही है. चूल्हे से निकला धुआं से छात्र व छात्राओं का दम घुटता है.
कहीं कहीं तो मध्याह्न भोजन बनाने के समय छात्र छात्राओं को अवकाश दे दिया जाता है. या फिर मिड डे मिल ही नहीं बनाया जाता है. डीपीओ मध्याह्न भोजन कार्यालय की लापरवाही व उदासीनता के कारण विद्यालयों में एमडीएम में कु व्यवस्था है. कई विद्यालयों में मध्याह भोजन का जूठा इधर उधर फेंक दिया जाता है. जिससे दुर्गंध आ रही है.
केस स्टडी तीन : प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित जाति शंकर चौक. नहीं है किचेन शेड. क्लास रूम में बनता है मध्याह्न भोजन. सफाई की नियमित व्यवस्था नहीं. चारों ओर गंदगी का नजारा.
केस स्टडी चार : शहर का प्राथमिक विद्यालय गदियानी मुहल्ला. दस साल से अधिक समय से नहीं बन रहा मध्याह्न भोजन. पर वर्ग कक्ष में आती रहती है बदबू. पीछे में गंदे नाला का बह रहा पानी. परिसर में सफाई नहीं.
क्या कहते हैं शिक्षाविद
शिक्षाविदों का कहना है कि अधिकांश सरकारी विद्यालयों में स्वच्छता अभियान को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. यह आदेश तक ही रह जाता है. शहर में एक नहीं दर्जनों
विद्यालय ऐसे हैं जहां स्वच्छता सिर्फ किताबों के पन्ने या उपदेशों तक ही सीमित होकर रह गया है. उनका मानना है कि जब किचेन शेड ही नहीं होगा तो गंदगी होगी है.
शिक्षाविदों का यह भी आरोप है कि कुछ विद्यालयों में तो चापाकल भी नहीं है. जिससे सफाई का काम प्रभावित हो रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान व प्रारंभिक शिक्षा रामाश्रय प्रसाद ने कहा कि जहां कहीं भी विद्यालय में गंदगी की लिखित शिकायत मिलेगी वहां के प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई होगी. बीईओ से भी जवाब तलब होगा.

Next Article

Exit mobile version