मधुबनी : महाशिवरात्रि के रात जागरण कर शिव अराधना करने से आध्यात्मिक उन्नति होता है . इस दिन शिव अराधना से द्वादस लाभ श्रद्धालुओं को मिलता है. पंडित ऋषिनाथ झा बताते हैं कि महाशिवरात्रि को दिन के अलावे रात्रि को भी शिव पार्वती का पूजन विधान पूर्वक करना चाहिये. सनातन धर्म में वर्णित उल्लेख के अनुसार इस दिन शिव पार्वती के महामिलन को महा शिवरात्रि माना गया है.
पंडित श्री झा बताते हैं कि शिव की अराधना से मनुष्य को सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त होता है. भगवान शिव मानव को रोगमुक्त करते हैं. शिव की पूजा से शरीर में अद्भूत उर्जा, बल एवं साहस की अनुभूति होता है. भगवान शिव मृत्युंजयी है. अत: इनकी अराधना हमें अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है. शिव गृहस्त जीवन के आदर्श हैं. इसलिए इनकी अराधना से गृहस्थ जीवन अनुकूल रहता है. शिव सौभाग्य दायक है.
इस रात्री कुंवारी कन्या द्वारा इनकी अराधना से मनोवांछित वर प्राप्ति होता है. जो स्त्री संतान सुख पुत्र सुख की कामना से शिव की पूजा अर्चना करते हैं उसे शिव कृपा से पुत्र प्राप्ति होती है. भगवान शिव संपूर्ण स्वरूप है. इसलिए इनकी अराधना जीवन पर्यंत की जाती है. विशेष कर शिवरात्रि के दिन इनकी अराधना से व्यक्ति अपने इष्ट की दर्शन प्राप्ति का फल प्राप्त करता है.