नाराजगी. काला बिल्ला लगा जताया विरोध

व्यवसायियों ने निकाला जुलूस उत्पाद शुल्क लगाये जाने के विरोध में व्यवसायियों में आक्रोश है. शादी ब्याह के समय में दुकानें बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है. मधुबनी : केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क लगाये जाने के विरोध में जिला मुख्यालय सहित अन्य बाजारों में 10 वें दिन भी सराफा बाजार बंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2016 4:35 AM

व्यवसायियों ने निकाला जुलूस

उत्पाद शुल्क लगाये जाने के विरोध में व्यवसायियों में आक्रोश है. शादी ब्याह के समय में दुकानें बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है.
मधुबनी : केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क लगाये जाने के विरोध में जिला मुख्यालय सहित अन्य बाजारों में 10 वें दिन भी सराफा बाजार बंद रहा. इससे जहां बाजार प्रभावित रहा वहीं आम लोगों को परेशानी हुयी. शुक्रवार को सराफाव्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठान को बंद कर संघ के बैनर तले केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की. जिला स्वर्णकार संघ एवं सराफाव्यवसायी संघ के संयुक्त बैनर तले बैठक की. इस दौरान निर्णय लिया गया कि जब तक केंद्र सरकार लगाये गये एक फीसदी उत्पाद शुल्क वापस नहीं लेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा.
शहर में निकला मोटरसाइकिल जुलूस
बाद में सराफा व्यवसायियों का मोटर साइकिल जत्था जिला स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष अजय ठाकुर के नेतृत्व में शहर में निकाली गयी. यही मोटर साइकिल जत्था पंडौल, सकरी, झंझारपुर, लखनौर व मधेपुर गयी. जहां व्यवसायियों ने सराफा कारोबार से जुड़े व्यवसायी व कारीगरों को एकजुट रह कर आंदोलन को जारी रखने का आह्वान किया. इस दौरान अध्यक्ष ने कहा कि यह केंद्र सरकार का काला कानून हैं. उत्पाद शुल्क वापस लिये जाने तक आंदोलन जारी रहेगा.
इधर 10 वें दिन सराफा बाजार बंद रहने के कारण करीब 12 करोड़ के कारोबार प्रभावित रहने का अनुमान लगाया गया है. 10 दिनों से जारी हड़ताल का समर्थन सभी बड़े-छोटे स्वर्ण व्यवसायियों ने करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि मांग नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहने की संभावना है. सभी सराफा व्यवसायियों ने एकजुट होकर आंदोलन जारी रखने की बात कही. जुलूस में अरविंद प्रसाद, इंद्रदेव ठाकुर(लाल), दीनानाथ प्रसाद, शैलेंद्र प्रसाद, राजू प्रसाद, टिंकू कसेरा, अरविंद कुमार ठाकुर, राजू राउत, प्रमोद ठाकुर, मनोज ठाकुर, विरजू साह, रंजीत पटवा, मीनू ठाकुर सहित अन्य शामिल थे.

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