रंगों का त्योहार . होली की खुमारी में डूबे लोग, होली गीतों से गूंजा शहर

होली का संग खेलूं पिया मोरा परदेस… फागुन आते ही चारों तरफ उत्साह का माहौल है. सभी एक दूसरे को रंग से सराबोर करने की तैयारी हो रही है. मधुबनी : रंगो का त्योहार होली को लेकर पूरा जिला तैयार है. इसे हर आयु वर्ग के लोग अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट करने की तैयारी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2016 4:33 AM

होली का संग खेलूं पिया मोरा परदेस…

फागुन आते ही चारों तरफ उत्साह का माहौल है. सभी एक दूसरे को रंग से सराबोर करने की तैयारी हो रही है.
मधुबनी : रंगो का त्योहार होली को लेकर पूरा जिला तैयार है. इसे हर आयु वर्ग के लोग अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट करने की तैयारी में जुट गये है. एक दूसरे को रंग में रंगने की मस्ती लोगों पर छाने लगी है. परिवार के साथ साथ लोग अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस पर्व को मनाने के लिये बेचैन है. हर कोई इस होली को यादगार बनाने की कोशिश में लगा है.
महंगाई का असर नहीं
होली खेलने के लिये लोगों का क्रेज इतना बढ़ गया है कि वे महंगाई की परवाह नहीं कर रहे है. रंग, अबीर, गुलाल, पिचकारी खरीदने के लिये दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी है. मिठाई की दुकानों पर बिक्री में काफी इजाफा हुआ है. दूध के काउंटर पर सुबह से ही भीड़ लगी रही. दिन के दो बजे तक ही काउंटरों से दूध बिक गई. लोग दूध के लिये भटकते नजर आये. पनीर की भी जमकर बिक्री हुई. होली का पर्व आते ही बच्चे के चेहरे दमकने लगे है. वे जम कर रंग खेलने की तैयारी में लगे है. स्कूलों में छुट्टी होने के साथ ही वे अपने दोस्तों के साथ होली मनाने की खुशी में झूम रहे है.
बजने लगे गीत
होली को लेकर जगह-जगह गीत बजने लगे है. खासकर भोजपुरी फिल्म के द्विअर्थी गीत गूंज रहे है. श्रृगांर रस प्रधान गीतों पर लोग झूमने लगे है. होली के दिन इन गीतों पर डांस करने के लिये युवाओं की टोली तैयारी कर रही है.
फागुन आयो रे…
फागुनसिर चढ़कर बोलने लगा है. आम के मंजरों में टिकोले आने, कोयल की कूक ने लोगों के मन में हलचल पैदा कर दी है. श्रृंगार रस के प्रतीक होली पर्व में क्या दोस्त क्या दुश्मन सभी एक दूसरे को रंग में सरोबार कर देना चाहते हैं.

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