बढ़ा तापमान . झुलसा देनेवाली गरमी से जनजीवन अस्तव्यस्त

कहीं छांव की तलाश तो कहीं पेयजल की किल्लत मधुबनी : तेज धूप व पछिया हवा का झोंका लोगों को झुलसा रहा है. मानाें सूर्य देव आग का गोला बरसा रहे हैं. आलम यह है कि सुबह से देर शाम तक लोग घरों मेें ही दुबकने को विवश हो रहे हैं. जिन्हें बाहर निकलना मजबूरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2016 6:07 AM

कहीं छांव की तलाश तो कहीं पेयजल की किल्लत

मधुबनी : तेज धूप व पछिया हवा का झोंका लोगों को झुलसा रहा है. मानाें सूर्य देव आग का गोला बरसा रहे हैं. आलम यह है कि सुबह से देर शाम तक लोग घरों मेें ही दुबकने को विवश हो रहे हैं. जिन्हें बाहर निकलना मजबूरी है वे भगवान को याद कर बाहर निकलते हैं और जब तक वे वापस घर नहीं आ जाते परिजन चिंतित रहते हैं.
झुलसा देने वाली गरमी के कारण शहर में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. दिन के 8 से 9 बजते ही आसमान से सूर्य की रोशनी शोले बरसाने लगती है. जहां स्कूली बच्चों को घर आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं कार्यालय आने जाने वाले लोगों को भी गरमी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
सजने लगी है खीरा तरबूज का स्टाल: शहर में सड़क किनारे जगह जगह खीरा और तरबूज का स्टाल सजने लगा है. लोग प्यास बुझाने के लिये इन स्टॉलों पर आने लगे हैं. तरह तरह के शीतल पेय भी बाजार में बिकने लगे हैं. बेल के शरबत की भी बिक्री बढ़ी है. कोल्ड ड्रिंक्स की खपत भी बढ़ गयी है. सत्तू की दुकान में भी भीड़ बढ़ी है.
चुनाव प्रचार में परेशानी: पंचायतों में गर्मी बढ़ते ही चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों के पसीने छूटने लगे हैं. अधिकांश प्रत्याशी सुबह और शाम के समय में ही घर- घर दस्तक देकर चुनाव प्रचार करने लगे हैं. दिन के 12 बजते ही शहर की सड़कों पर वीरानगी छानें लगती है. पैदल यात्रियों की संख्या सड़कों पर नगण्य हो जाती है.
पेयजल समस्या गहराई: शहर में घरों में जलापूर्ति नहीं होने व वाटर स्टैंड पोस्ट सड़क किनारे नहीं रहने के कारण लोग बोतल बंद पानी पीने को मजबूर हैं. गरमी में शहर में ठेला पर 20 किलो के जार में पानी बिक रहा है. पानी लोगों के प्यास बुझाने का सहारा बना है.
बस स्टैंड में परेशानी: गरमी के कारण शहर के सरकारी और निजी बस स्टैंड में यात्रियों को बसों का इंतजार करने में काफी परेशानी हो रही है. शेड की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बस स्टैंड पर लोगों को आसपास के दुकानों में घुसकर धूप से बचना पड़ता हैं.

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