बिना सेविका व सहायिका के चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र
मधुबनी : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. सालाना लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी आंगनबाडी़ केंद्र में ना तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सका है और ना ही आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों , गर्भवती एवं धात्रियों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. 306 […]
मधुबनी : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. सालाना लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी आंगनबाडी़ केंद्र में ना तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सका है और ना ही आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों , गर्भवती एवं धात्रियों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.
306 केंद्र पर सेविका व 388 केंद्र पर सहायिका नहीं : जिले में सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका एवं सहायिका कार्यरत नहीं है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किस प्रकार हो रहा है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्तमान में 306 केंद्र ऐसे हैं जहां सेविका कार्यरत नहीं हैं ,जबकि 388 केंद्र पर सहायिका नहीं है. जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन में बेहद परेशानी हो रही है.
ना तो बच्चों की पढ़ाई हो पा रही है और ना ही इन केद्रों के माध्यम से योजना ही सही तरीके से संचालित हो पा रही है. इसी प्रकार जिले में कुल स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों 3779 के विरुद्ध मात्र 3419 आंगनबाड़ी केंद्र ही संचालित हैं.
ये पद हैं रिक्त : एक डीपीओ, आठ सीडीपीओ, 77 पर्यवेक्षिका, एक कार्यालय अधीक्षक, एक लेखापाल, एक सांख्यिकी पदाधिकारी और सभी प्रखंडों में एक एक अनुसेवक का पद रिक्त है.
हर माह लाखों खर्च
आंगनबाड़ी केंद्र पर हर माह लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. हर आंगनबाड़ी केंद्र पर खाना एवं धात्री को अनाज दिये जाने के मद में 15700 रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इसके अलावे सेविका को हर माह 3750 हजार एवं सहायिका को 1875 रुपये मानदेय के रूप में भुगतान किया जाता है.