रमजान माह में पहला कलमा खूब पढ़ें

मसजिदों में नमाज पढ़ने के लिए लग रही लंबी कतारें भीषण गरमी के कारण इफ्तार में रूहआफजा, नींबू पानी, बेल के शरबत की मांग अधिक पंडौल : रमजान को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है . मसजिदों में नमाज पढने के लिए लम्बी लाइन लगती है .पंडौल सकरी समेत मकसूदा जरहटीया में रमजान को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 6:54 AM

मसजिदों में नमाज पढ़ने के लिए लग रही लंबी कतारें

भीषण गरमी के कारण इफ्तार में रूहआफजा, नींबू पानी, बेल के शरबत की मांग अधिक
पंडौल : रमजान को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है . मसजिदों में नमाज पढने के लिए लम्बी लाइन लगती है .पंडौल सकरी समेत मकसूदा जरहटीया में रमजान को लेकर खासी तैयारी है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी के कारण इफ्तार में रूहआफजा, नींबू पानी, बेल के शरबत की मांग अधिक है जिसके लिए बाजार में बर्फ की मांग भी बढ़ गयी है .
सकरी में कुछ युवकों व एक नयी सोच कमेटी की ओर से रोजेदारो के बीच मुफ्त में बर्फ बांटा गया जिससे रोजेदारों को राहत मिली. इस मौके पर सकरी हाफिज मोहम्मद फारुक साहब ने बताया कि हजरत मोहम्मद साहब सल्लहो अलहै ने फरमाया है कि चार बातों को इस महीने में खास खयाल रखें.
जिनमें से दो चीजे अल्लाह को राजी करने के लिये हैं. वह यह कि पहला कलमा खूब पढ़ो और अस्तकगफार खूब पढ़ो. दूसरी दो चीजें अपने फायदे के लिए हैं. वह है कि जन्नत की दुआ करो और जहन्नु से बचने की दुआ मांगो. ’’ला इलाहा इलल ला मोहम्मिदुर रसूलुल्लादह’’का कलीमा पढे. हदीसों में इसको सबसे अच्छा जिक्र माना गया है. अगर सातों आसमान सातों जमीन और उनके आबाद करने वाले सारे फरिश्ते, चांद. सूरज, सारे पहाड़ सारे समुद्र तराजू के एक पलड़े में रख दिए जाएं और एक तरफ यह कलमा रख दिया जाए तो कलमे वाला हिस्सा भारी पड़ जायेगा.
इसलिए यह कलमा चलते फिरते, उठते बैठते पढ़ते रहना चाहिए. उन्होंने बताया की ’’अस्तागफिरुल्ला् हल लजी लाइलाहा इल्लाइ हुवल हयिल कयुम व अतुबु इलैही’’हदीसों में आया है कि जो शख्स अस्तयगफार को खूब पढ़ता है , अल्लाह पाक हर तंगी में उसके लिए रास्ता निकाल देता है और हर दुख को दूर कर देते हैं, और उसके लिए ऐसी जगह से रोजी रोजगार पहुंचाता है कि उसे गुमान भी नहीं होता. हदीस में आया है कि आदमी गुनाहगार तो होता ही है, पर बेहतरीन गुनाहगार वह है जो तौबा करते रहे. जब आदमी गुनाह करता है तो एक काला नुक्ता उसके दिल पर लग जाता है.
अगर तौबा कर लेता है तो वह धुल जाता है. दोजख नर्क से पनाह मांगें और जन्नत में जाने की दुआ करें. हम जब भी अल्लातह से जन्नत की दुआ करें और जन्नैतुल फिरदोस मांगें क्योंकि जन्नत के भी कई दर्जें होते हैं और सबसे ऊंचा दर्जा जन्नतुल फिरदोस है. जब मांग ही रहे हैं तो सबसे ऊंची चीज मांगें क्योंकि उस देने वाले अल्लाह के खजाने में कोई कमी नहीं है. हम मांग मांग कर थक जायेंगे पर वह देकर नहीं थकता .

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