अग्निशामक गाड़ी हो रही है खराब
कर्मियों को भी रहने में हो रही है दिक्कत झंझारपुर : अनुमंडल क्षेत्र के अगलगी से बचाव के लिए दो अग्निशामक वाहन तो उपलब्ध करा दिया गया है. पर बुनियादी सुविधा से वंचित रखा गया है. जिसका खामियाजा ना सिर्फ अगलगी के पीड़ितों को उठानी पड़ती है. बल्कि अग्निशामक वाहन की सुरक्षा कर्मी भी परेशान […]
कर्मियों को भी रहने में हो रही है दिक्कत
झंझारपुर : अनुमंडल क्षेत्र के अगलगी से बचाव के लिए दो अग्निशामक वाहन तो उपलब्ध करा दिया गया है. पर बुनियादी सुविधा से वंचित रखा गया है. जिसका खामियाजा ना सिर्फ अगलगी के पीड़ितों को उठानी पड़ती है. बल्कि अग्निशामक वाहन की सुरक्षा कर्मी भी परेशान हैं. जबकि विभाग की ओर से झंझारपुर प्रखंड के सुखेत गांव में अग्निशामक कार्यालय के निर्माण को लेकर भूमि को भी चिन्हत कर लिया था. पर उक्त जमीन पर आज तक भवन का निर्माण नहीं करवाया जा सका है. जिस कारण लाखों का वाहन खराब हो रहा है.
एक ही कमरे में रहते हैं आठ कर्मी : झंझारपुर मुख्यालय परिसर स्थित अग्निशामक की दो वाहन खुद असुरक्षित है.
पदाधिकारी एवं कर्मी भी किसी तरह एक कमरे में रह रहे हैं. एक कमरे में ही आठ लोग रहने को मजबूर हैं. बतादें कि ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा के अथक प्रयास से दो अग्निशामक वाहन झंझारपुर को उपलब्ध कराया गया. साथ ही पदाधिकारी एवं कर्मी का भी व्यवस्था हो पायी. ललित कर्पूरी स्टेडियम के समीप एक कमरा उपलब्ध कराया गया.
दर्जनों बार दी जा चुकी है सूचना: पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा कितने ही बार विभाग को इसकी सूचना दी है. पर विभाग अनसुना कर निश्चिंत है.
सूत्रों की माने तो कार्यालय के लिए प्रखंड के सुखेत गांव में जमीन उपलब्ध करायी गई है. विभाग ने उक्त जगह भवन निर्माण हो इसके लिए संविदा निकालने की प्रक्रिया में होने की बात बतायी गयी थी, पर आज तक ना ही संविदा निकाली गयी है. और ना ही भवन बने इसकी ही कोई पहल की गयी है.
क्या कहते हैं लोग : श्वेता कर्ण, संजय महतो, संतोष कर्ण, मनोज कुमार आदि ने बताया कि अगर जल्द अग्निशामक वाहन को छत के नीचे रखने की व्यवस्था की गयी, तो आंदोलन भी किया जा सकता है.
क्या कहते हैं एसडीओ: अनुमंडल पदाधिकारी जगदीश कुमार ने बताया कि विभाग को पत्र के माध्यम् से अवगत कराया गया है. जल्द ही व्यवस्था करवायी जाएगी.