खेतों की सेहत में होगा सुधार

-रमण कुमार- मधुबनीः जिले के किसानों के लिये खुशखबरी है. अब उन्हें अपने खेत की उर्वरा शक्ति एवं पोषक तत्वों की जानकारी के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिल रही है. इस कार्ड के आधार पर उन्हें अपने खेत में कौन सी उर्वरक की कितनी मात्रा का उपयोग करना है इसकी जानकारी मिलेगी जिससे एक ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2014 4:09 AM

-रमण कुमार-

मधुबनीः जिले के किसानों के लिये खुशखबरी है. अब उन्हें अपने खेत की उर्वरा शक्ति एवं पोषक तत्वों की जानकारी के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिल रही है. इस कार्ड के आधार पर उन्हें अपने खेत में कौन सी उर्वरक की कितनी मात्रा का उपयोग करना है इसकी जानकारी मिलेगी जिससे एक ओर जहां उनका उर्वरक की खरीद में खर्च होने वाली राशि बच सकेगी. वहीं दूसरी ओर फसल की पैदावार भी बढ़ेगी और खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. यदि किसी किसान के खेत में जिंक की कमी है तो वे अपने खेत में केवल जिंक का उपयोग कर उसकी उर्वरा शक्ति को ठीक कर सकते हैं.

इसी प्रकार नाइट्रोजन, पोटाश, आर्गेनिक कार्बन पीएच, जस्ता, बोरोन आदि तत्वों का उपयोग भी आवश्यकता के अनुरूप ही करेंगे. विभाग द्वारा वर्ष 12-13 का बना मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किसानों के बीच किया जा रहा है.

नमूना जांच का काम अंतिम चरण में

वित्तीय वर्ष 2013-14 में मिट्टी जांच का काम अंतिम चरण में है. जल्द ही मिट्टी जांच प्रयोगशाला द्वारा यह जांच पूर्ण कर लिये जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. विभागीय योजना के तहत वर्ष 13-14 में जिले के हर राजस्व गांव से आठ आठ मिट्टी की नमूने की जांच की जानी थी. इसके लिये जिले को 8928 नमूना लेने का लक्ष्य प्राप्त था. इस योजना के तहत तीन वैसे किसान जो अपने खेत में अधिक उर्वरक का उपयोग करते हैं व पांच वैसे किसान जो कम उर्वरक का उपयोग करते हैं उनका नमूना लेना था. इसके तहत विभिन्न प्रखंडों से अब तक 8722 नमूना संग्रह कर मिट्टी जांच प्रयोग शाला भेजा गया है. इनमें से प्रयोगशाला में 7285 नमूने की जांच की जा चुकी है. अब इस जांच रिपोर्ट को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है. इसके आधार पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड बना कर दिया जायेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी

मिट्टी जांच पदाधिकारी तुलसी प्रसाद ने बताया है कि वर्ष 13-14 के लिये गये नमूने का जांच शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी केके झा ने बताया कि वर्ष 12-13 में लिये गये नमूने जांच के आधार पर किसानों का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाया गया है. स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किसानों के बीच किया जा रहा है.

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