नवजात यूनिट में ताला डीएम ने िकया था उद‍्घाटन

नवजातों में होने वाली बीमारियों पर रोकथाम के लिए एसएनसीयू यूनिट को चालू िकया गया. ताकि नवजात मृत्यु दर को कम किया जा सके. कई जीवन रक्षक प्रणाली को इस यूनिट में स्थापित किया गया. लेिकन उदघाटन के बाद से इसमें ताला लटका है, िजससे इसकी उपायोिगता पर सवाल खड़ा हो गया है़ अपरिपक्व व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2016 6:48 AM

नवजातों में होने वाली बीमारियों पर रोकथाम के लिए एसएनसीयू यूनिट को चालू िकया गया. ताकि नवजात मृत्यु दर को कम किया जा सके. कई जीवन रक्षक प्रणाली को इस यूनिट में स्थापित किया गया. लेिकन उदघाटन के बाद से इसमें ताला लटका है, िजससे इसकी उपायोिगता पर सवाल खड़ा हो गया है़ अपरिपक्व व जन्म के समय होने वाली बीमारियों पर काबू कर नवजात को बचाया जा सके.

मधुबनी : नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए सरकार ने पीएचसी अनुमंडलीय अस्पताल में कई जीवन रक्षक प्रणालियों के साथ एसएनसीयू यूनिट को स्थापित किया है, ताकि अपरिपक्व व रोग से ग्रसित नवजात शिशु को बचाया जा सके. इस क्रम में सदर अस्पताल में विशेष व नवजात रक्षक यूनिट का उद्घाटन 29 जून को जिलाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने किया. इस इकाई का उद्घाटन तो पूरे जोश खरोश के साथ किया गया. उद्घाटन के बाद अब तक इस यूनिट में ताला लटका रहता है.
अपरिपक्व व रोगग्रस्त नवजात को बचाने की यूनिट में व्यवस्था
क्या है व्यवस्था
एफ बीएनसी बिहार मैनेजर डाॅ मो. आफताब आलम ने बताया कि इस इकाई में चार चिकित्सक समेत 12 ए ग्रेड नर्स का पद स्वीकृत है. जो इस इकाई में आनेवाले नवजात शिशुओं की देख भाल करेंगे. 12 बेड के इस यूनिट का छह बेड सदर अस्पताल के गंभीर रूप से अपरिपक्व व रोग ग्रसित नवजातों के लिए तथा छह बेड जिले के अन्य जगहों से आने वाले नवजातों के लिए है. वर्तमान में एक चिकित्सक व सात ए ग्रेड नर्स को इस इकाई में प्रतिनियुक्ति की गई है.
यूनिट में 12 बेड की व्यवस्था
इस विशेष नवजात रक्षक इकाई में 12 बेड है. जिसकी कीमत लगभग 13 लाख रुपये है. इसका भवन एसी युक्त है. भवन व अन्य संसाधनों पर लगभग 30-40 लाख रुपये के लागत का अनुमान है. मगर आज तक इस यूनिट का लाभ नवजात को नहीं मिल सका है. लाखों खर्च के बाद भी यह यूनिट बंद पड़ा है.

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