अनुदानित दर पर यंत्र उपलब्ध कराने से इनकार

मधुबनी : जिले के कृषि यंत्र विक्रेताओं ने अब विभाग के द्वारा किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं करने का ऐलान कर दिया है. विगत दिनों किसानों के ऑनलाइन आवेदन में यंत्र विक्रेताओं के मोबाइल नंबर दिये जाने को कथित तौर पर फर्जीवाड़ा बताये जाने से कृषि यंत्र विक्रेता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 2:39 AM

मधुबनी : जिले के कृषि यंत्र विक्रेताओं ने अब विभाग के द्वारा किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं करने का ऐलान कर दिया है. विगत दिनों किसानों के ऑनलाइन आवेदन में यंत्र विक्रेताओं के मोबाइल नंबर दिये जाने को कथित तौर पर फर्जीवाड़ा बताये जाने से कृषि यंत्र विक्रेता आहत है. विक्रेताओं ने इस आशय की जानकारी जिला पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी सहित विभाग के निदेशक व अन्य आला अधिकारियों को भी देते हुए आवेदन दिया है.

किसान हित में की गयी पहल से विक्रेता नाराज
कृषि यंत्र विक्रेताओं द्वारा विभाग को दिये गये आवेदन में कहा गया है कि विक्रेताओं ने किसान के हित में ऑनलाइन आवेदन के दौरान कुछ ऐसे किसानों के आवेदन पर अपना मोबाइल नंबर दिया था जिनके पास मोबाइल उपलब्ध नहीं था. पर इसे फर्जीवाड़ा बताया जा रहा है. विक्रेताओं का कहना है कि अनुदान किसानों के खाता पर उनके खाता संख्या के आधार पर विभाग द्वारा दी जाती है ना कि विक्रेताओं के मोबाइल नंबर पर. पर इस पर विक्रेताओं के उपर गबन का आरोप लगाया जा रहा है एवं इनकी साख और प्रतिष्ठा को आहत किया जा रहा है.
बैठक में कई निर्णय
यंत्र विक्रेताओं की बैठक आयोजित करने के बाद अनुदानित दर पर यंत्र नहीं बेचे जाने का निर्णय लिया गया है. बैठक में जिले भर के दर्जनों यंत्र विक्रेता शामिल हुए. इसमें सबों ने एक आवाज से विभाग के द्वारा अनुदानित दर पर किसानों को यंत्र नहीं दिये जाने की सहमति दी. बैठक में राघवेंद्र प्रसाद ठाकुर, नरेंद्र ठाकुर, नथुनी झा, गुणानंद झा, सुनील सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे.
किसानों का नंबर देना चािहए
इस बाबत कृषि निदेशक सुधीर कुमार ने बताया है कि ऑनलाइन आवेदन में किसानों का मोबाइल नंबर देना चाहिए. विक्रेताओं को अपने नंबर देने से परहेज करना चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि जिन किसानों के आवेदन पर विक्रताओं का मोबाइल नंबर दे दिया गया है उसे हम एक सिरे से फर्जीवाड़ा नहीं कह सकते हैं. वहीं जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने बताया है कि किसानों के आवेदन पर मोबाइल नंबर देना फर्जीवाड़ा तो नहीं है पर सामान किसानों को उपलब्ध कराये बिना ही राशि का उठाव करना फर्जीवाड़ा है. इस मुद्दे को लेकर जांच करायी जायेगी.
किसानो के ऑनलाइन आवेदन पर मोबाइल नंबर दिये जाने से उठा विवाद
विक्रेताओं ने दिया विभागीय अधिकारी को आवेदन
मोबाइल नंबर देना फर्जीवाड़ा नहीं , पर परहेज करें विक्रेता : निदेशक
हर घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को शीघ्र करें पूरा

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