मधुबनीः जिले में कोडीन का कहर ढा रहा है. बड़ी संख्या में युवक युवतियां कोडीन का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं.आशंका है कि सीमावर्ती नेपाल के भी कई युवक युवतियां इसे तस्करी के माध्यम से जयनगर के रास्ते नेपाल ले जाते हैं. यूं तो कोडीन का उपयोग कई तरह से होता है पर वैसे कफ सीरप जिसमें कोडीन की मात्र अधिक होती है उसे बेखौफ नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस नशे से युवा पीढ़ी कई मानसिक रोगों के शिकार बन रह हैं. इसे देखते हुए राज्य औषधि नियंत्रक बिहार ने नेपाल से सटे इस जिले में कोडीन युक्त कफ सीरप की बिक्री के नियमों में कई फेर बदलकिये हैं.
कोडीन को नशे के रूप में कफ सीरप के रूम में बेचने वाले दवा विक्रेताओं पर कई नियंत्रण लगाये हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध ड्रग एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई होगी. राज्य औषधि नियंत्रक ने आदेश दिया है कि इसकी बिक्री को नियंत्रित कर बिक्री का नियमित रूप से पर्यवेक्षण और मॉनीटरिंग करायी जायेगी. वितरक, सी एंड एफ एजेंट या डीपो अपने थोक विक्रेता को किसी भी परिस्थिति में एक हजार से अधिक की बिक्री नहीं करेंगे. थोक विक्रेता भी खुदरा विक्रेता को किसी भी परिस्थिति में 100 बोतल से अधिक कोडीन कंटेनिंग कफ सीरप की बिक्री नहीं करेंगे. जब ये खुदरा विक्रेता बिक्री का पूर्ण विवरणी उपलब्ध करा देंगे उसके बाद ही उन्हें यह दवा मिलेगी.
थोक विक्रेताओं को एक हजार बोतल की बिक्री का पूर्ण विवरण देना होगा. उसके बाद ही कोडीन युक्त कफ सीरप दी जायेगी. सी एंड एफ एजेंट्स, डीपो, वितरक प्रत्येक माह प्राप्त कोडीन कंटेनिंग कफ सीरप का पूर्ण विवरणी राज्य औषधि नियंत्रक को उपलब्ध करायेंगे. सी एंड एफ एजेंट्स, डीपो, वितरक थोक विक्रेताओं द्वारा बिक्री की गई कोडीन कफ सीरप का बिक्रय बीजक की एक प्रति संबंधित जिले के अनुज्ञापन पदाधिकारी एवं राज्य औषधि नियंत्रक बिहार पटना को हर हाल में उपलब्ध करायेंगे.
खुदरा विक्रेता भी नये क्रय से पहले कोडीन युक्त कफ सीरप की विवरणी अपने क्षेत्र के अनुज्ञापन पदाधिकारी को भी हर हाल में उपलब्ध करायेंगे. राज्य औषधि नियंत्रक बिहार पटना ने कहा है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व अन्वेषण निदेशालय, आयुक्त सेंट्रल एक्साइज, अनुज्ञापन पदाधिकारी सहित कई अन्य को इसकी जानकारी राज्य औषधि नियंत्रक ने दी है.