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30 मीटर रेलिंग रहती तो नहीं होता इतना बड़ा हादसा!

(मधुबनी) : मधुबनी के बसैठ में सुंदरपुर के तालाब पर अगर पूरे में रेलिंग बनी होती, तो इतना बड़ा बस हादसा नहीं होता. तालाब के लगभग 70 फीसदी भाग पर लोहे की रेलिंग बनी है, जबकि तीस फीसदी भाग खाली पड़ा है और यही हादसे का सबब बना. इसी से होकर बस लगभग 25 फुट […]

(मधुबनी) : मधुबनी के बसैठ में सुंदरपुर के तालाब पर अगर पूरे में रेलिंग बनी होती, तो इतना बड़ा बस हादसा नहीं होता. तालाब के लगभग 70 फीसदी भाग पर लोहे की रेलिंग बनी है, जबकि तीस फीसदी भाग खाली पड़ा है और यही हादसे का सबब बना. इसी से होकर बस लगभग 25 फुट गहरे तालाब में पलट गयी और लगभग तीन दर्जन लोगों की जान चली गयी. इस बात की चर्चा मंगलवार को मौके पर जुटे लोग भी कर रहे थे. इनका कहना था कि ये लापरवाही

30 मीटर रेलिंग
का नतीजा है कि पूरे तालाब पर रेलिंग नहीं लगायी गयी.
तालाब से निकाल कर दुर्घटनाग्रस्त बस को बेनीपट्टी थाने पर लाया गया है. हादसे के बाद से बस चालक अभय चौधरी व कंडक्टर जीतू सहनी फरार हो गये थे. चालक का पता तो नहीं चला, लेकिन कंडक्टर को मंगलवार को जयनगर से गिरफ्तार कर लिया गया. चालक के बारे में बताया जाता है कि वो पुराना था और दुर्घटना के समय काफी स्पीड में था. बस के अनियंत्रित होते ही वह कूद कर भाग गया. चालक की तलाश जारी है.
राहत और बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें दो लापता लोगों की तलाश में लगी थीं, लेकिन मंगलवार को कोई शव नहीं मिला. बड़ी संख्या में लोग तालाब के आसपास जमे थे. आसपास की सड़कों पर भीड़ नजर आ रही थी. प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी मौके पर थे. दोपहर बाद आपदा प्रबंधन के प्रबंधन सचिव प्रत्यय अमृत मौके पर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से बात की, तब तक राहत का काम चल रहा था. दो पंपिंग सेट के जरिये तालाब का पानी खेत में निकाला जा रहा था.
प्रधान सचिव के वापस जाने के बाद राहत और बचाव कार्य रोक दिया गया, जबकि तालाब से पानी निकाले जाने का काम जारी था. मौके पर जमा लोग इस पर सवाल उठा रहे थे. उनका कहना था कि कई दिन में भी तालाब को खाली नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें नीचे सोता है और उससे लगातार पानी निकलता है. स्थानीय नेता खीरन चौधरी ने कहा कि तालाब से पानी निकालने की ये कोशिश बेकार है. इससे कोई फायदा होनेवाला नहीं है.
वहीं, जिस तालाब में बस गिरी थी. उसमें राहत और बचाव काम के बीच बस की सीट व यात्रियों के सामान तैर रहे थे. इनमें से बह कर कुछ तालाब के किनारे पर लग गये थे. स्थानीय लोगों का कहना था कि सड़क से सटा इतना गहरा तालाब है. इस पर पूरे में रेलिंग नहीं बनाया जाना लापरवाही का नतीजा है. ऐसा करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये.
इधर, सोमवार को बसैठ चौक से बस छोड़नेवाले इंचार्ज मदन चौधरी ने कहा कि बस में 42 यात्री सवार थे. उन्होंने गिनती के बाद बस को छोड़ा था. इधर, मंगलवार की शाम डीएम गिरिवर दयाल सिंह ने साफ कर दिया कि हादसे में 23 यात्रियों की जान गयी है और तलाशी का काम पूरा हो गया है. अब वहां किसी यात्री के होने की संभावना नहीं है. सभी शवों की पहचान भी हो गयी है. डीएम गिरिवर दयाल सिंह से जब इस संबंध में पूछा गया, तो उनका कहना था कि ये हम लोगों का काम नहीं है. ये काम सड़क निर्माण विभाग के जिम्मे है. वो ही इसके बारे में बता सकता है.
तालाब के लगभग 70 फीसदी हिस्से पर लगी है रेलिंग
स्थानीय लोग बोले, रेलिंग नहीं बनना है लापरवाही
डीएम बोले,
हर पहलू की होगी जांच, दोषी पर
होगी कार्रवाई
इंचार्ज बोला, हादसे के समय बस में सवार थे 42 यात्री
बस कंडक्टर गिरफ्तार : हादसे के बाद मौके से फरार बस कंडक्टर जीतू सहनी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे जयनगर से पकड़ा गया है. इसकी जानकारी एसपी दीपक बरनवाल ने दी. उन्होंने कहा कि चालक अभय चौधरी की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी हो रही है. उसके सीतामढ़ी में होने की संभावना है.
बस मालिक से पूछताछ: सागर बस के मालिक नागेंद्र चौधरी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. बेनीपट्टी पुलिस मंगलवार को उसे सीतामढ़ी से लेकर बेनीपट्टी आयी है. नागेंद्र चौधरी से इसके बारे में पूछताछ की जायेगी.
कि बस का परमिट जब मधुबनी और जाले के बीच का था, तो वह मधुबनी से सीतामढ़ी के बीच कैसे चल रही थी.

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