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बैंकों में भीड़, बाजार में सन्नाटा

झेलनी पड़ी िदक्कत. बैंक खुलने से पहले ही लग गयी ग्राहकों की लंबी कतार मधुबनी : नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा मंगलवार की रात से 500 तथा 1000 के नोट को आदान प्रदान से रोक लगा दी गयी. हालांकि कुछ स्थानों पर इन नोटों का प्रचलन 72 घंटे तक रखा गया है. मंगलवार की घोषणा […]

झेलनी पड़ी िदक्कत. बैंक खुलने से पहले ही लग गयी ग्राहकों की लंबी कतार

मधुबनी : नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा मंगलवार की रात से 500 तथा 1000 के नोट को आदान प्रदान से रोक लगा दी गयी. हालांकि कुछ स्थानों पर इन नोटों का प्रचलन 72 घंटे तक रखा गया है. मंगलवार की घोषणा के बाद जिला मुख्यालय सहित कस्बाई इलाके में लोक एक बार सकते में आ गये. सुबह होते ही लोग एक दूसरे से जानकारी लेने लगे. सरकार की घोषणा के अनुरूप बुधवार को सभी बैंक की शाखाएं बंद रहे. बैंक अधिकारी व कर्मी ग्राहकों की सुविधा के लिए रात-भर काम करते रहें.
गुरुवार को बैंक की शाखा में निर्धारित समय से खुल गयी. लोग सुबह से ही पुराने नोट बदलवाने , जमा करने तथा निकासी के लिए बैंक व पोस्ट ऑफिस में एकत्रित होने लगे थे. जिले के बैंक के 259 शाखाओं तथा डाकघर व उपडाकघर के चालीस शाखाओं पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी. भारतीय स्टेट बैंक , बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ,
ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, इलाहाबाद बैंक, पीएनबी बैंक, बैंक आफ महराष्ट्रा, आंध्रा बैंक सहित अन्य बैंक की शाखाओं में लेन देन का कार्य शुरू हो गया है. यह देर शाम 6 बजे तक चलती रही. हालांकि कुछ बैंक की शाखाओं में ग्राहकों की सुविधा के लिए यह समय सीमा आगे तक बढ़ाई गयी. इधर जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के बैंक की शाखाओं में कुछ देर के लिए पैसे की कमी के कारण लेन-देन प्रभावित रही. हालांकि प्रबंधक द्वारा शीघ्र ही समस्याओं का निदान किया जा रहा था.
सुरक्षा के थे विशेष इंतजाम
सेंट्रल बैंक, एसबीआई, इलाहाबाद बैंक सहित सभी सरकारी बैंक एवं एक्सीस बैंक, आईसीसीआई, एचडीएफसी, कोटक महेंद्रा सहित अन्य बैंकों में गुरुवार को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. सेंट्रल बैंक में नगर थानाध्यक्ष सह निरीक्षक अरुण कुमार राय ने बताया कि बैंकों में कामकाज सुचारु ढ़ंग से हो रहा है. कही से कोई गड़बड़ी सूचना नहीं है.
मांग के अनुरूप छोटे नोटों का नहीं हुआ भुगतान
सेंट्रल बैंक सहित अन्य कई बैंक में मांग के अनुरूप छोटे नोट की सप्लाई नहीं हो सकी है. . एलडीएम एमएस अख्तर ने बताया कि साढ़े चार करोड़ छोटे नोट की मांग उन्होंने चेस्ट से की थी. पर उन्हें सिर्फ 50 लाख रुपये की आपूर्ति चेस्ट द्वारा की गई. इसी तरह अन्य बैंकों की भी स्थिति रही. ऐसे में गुरुवार को किसी तरह राशि का लेन देन निपटाया गया. पर जिस प्रकार से लोगों का बैंकों में आने का सिलसिला जारी है. उसे देखकर यह संभावना जतायी जा रही है कि यदि मांग के अनुरूप बैंकों को राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी तो भारी परेशानी होगी.
रात भर कार्य करते रहे बैंककर्मी
गुरुवार को बैंकों के सुचारु संचालन के लिए सभी बैंक कर्मी अपने अपने शाखाओं में रात भर काम करते रहे हैं. बैंक के अधिकारियों ने बताया कि सभी बैंक कर्मी रात भर बैंक के आंतरिक कार्य करते रहे हैं. ताकि ग्राहकों को समय पर भुगतान या अन्य कार्य किया जा सके.
मांग के अनुरूप नहीं मिली राशि तो होगी परेशानी
एक्सचेंज करने वालों को दिया जा रहा फॉर्म आरबीआई के निर्देश के आलोक में चार हजार तक के रकम के नोट को एक्सचेंज करने वाले ग्राहकों को एक विहित प्रपत्र में नाम, पहचान पत्र एवं रकम का डाटा भरकर बैंक में देना होता है. इसके बाद बड़े नोट को छोटे नोट में बदलकर लोगों को दिया जा रहा था. वहीं बैंक में रकम जमा कराने वालों को पुराने फॉर्म में ही रकम जमा करवाया जा रहा था.
समय से पूर्व ही खुलीं बैंक की शाखाएं
भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा, एडीबी, सेंट्रन बैंक, सहित अन्य सभी बैंक की शाखाएं समय से पहले ही खोल दी गयी थी. मुख्य शाखा सहित अन्य बैंकों में सुबह से ही उपभोक्ताओं की लंबी कतारें लग गयी थी. पहले दो घंटा तक बैंक में अफरा तफरी का माहौल बना था. शाखा प्रबंधक भारती झा ने सभी ग्राहक को कतार में खड़ा होकर अपनी पर्ची का इंतजार करने को कहा. मुख्य शाखा में रामप्रवेश ठाकुर ने 4000 रुपया सबसे पहले बदलावाएं. बैंक द्वारा निर्गत फॉर्म भरने के बाद ही ग्राहकों का राशि बदला जाता था. मुख्य शाखा में तीन काउंटर खोला गया था. जबकि प्रथम मंजिल पर भी काउंटर खोला गया था. खाताधारक को आवश्यकता के अनुसार कम राशि लेने का बात भी बताया जा रहा था.

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