झंझारपुर. सिविल सर्जन के आदेश पर चार सदस्यीय जांच दल शहर के कई पैथोलॉजी केंद्र पर जांच की. शुक्रवार को शुरू हुई जांच में कई केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन के चलते हुए पाए गए. तीन पैथोलॉजी केंद्रों के कर्मी स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखते ही फरार हो गए. बिना पंजीकरण के सभी पैथोलॉजिकल केंद्र के प्रोपराइटर को अतिशीघ्र रजिस्ट्रेशन नंबर व अन्य कागजात पीएचसी में उपलब्ध कराने या पैथोलॉजिकल केंद्र बंद करने का निर्देश दिया. चार सदस्यीय जांच दल में पीएचसी के चिकित्सक डॉ. कुणाल, डॉ. संजय राय, अरुण कुमार मंडल एवं विक्रम कुमार शामिल थे. जिनके द्वारा कुल 9 केंद्र की जांच हुई. जिसमें कोर्ट चौक स्थित भगवती जांच घर के अलावा सभी आठ पैथोलॉजी सेंटर बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित होते पाया गया. शुक्रवार को जिन पैथोलॉजी सेंटर की जांच हुई उनमें कोर्ट चौक स्थित भगवती जांच घर, रंजू उदय जांच घर, लंगड़ा चौक स्थित आदित्य पैथो लैब, लंगड़ा चौक स्थित झंझारपुर डायग्नोस्टिक सेंटर, जीवन पैथो लैब, शीतल गंगा जांच घर, मिथिला जांच घर, विजय जांच घर, राधा ज्योति डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल है. जांच अधिकारी ने बताया कि शीतल गंगा जांच घर, मिथिला जांच घर एवं झंझारपुर डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मी स्वास्थ्य टीम के आने से पहले ही लैब छोड़कर फरार हो गये. भगवती जांच घर के अतितिक्त सभी बिना रजिस्ट्रेशन अपना कारोबार करते पाए गए. जांच टीम के प्रमुख डॉ. कुणाल ने सभी केंद्र के प्रोपराइटर को अतिशीघ्र पैथोलॉजिकल केंद्र संचालन से संबंधित रजिस्ट्रेशन एवं अन्य कागजात पीएचसी पर जमा करने को कहा. बताया कि सिविल सर्जन को जांच की विस्तृत रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर भेजी जाएगी. किसी भी हाल में बिना रजिस्ट्रेशन और वैध कागज के पैथोलॉजी सेंटर का संचालन नहीं होने दिया जाएगा. प्रथम दिन 9 केंद्र की जांच हुई है. अगले ही दिन अन्य बचे सेंटर की भी जांच होगी. उल्लेखनीय है कि झंझारपुर नगर परिषद क्षेत्र में अनुमान के मुताबिक दो दर्जन से अधिक जांच घर संचालित है. अधिकांश बिना कागजात के ही चोरी छिपे संचालित है.
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