मधुबनी : गंगौर में आये हुए 48 वीं बटालियन एसएसबी को महज ढाई माह ही हुए है. अक्तूबर माह में 14 वी बटालियन को हटाकर 48 वी वाहिनी श्रीनगर से भारत नेपाल सीमा की गश्ती में आयी है. पर शनिवार को हुए हादसे से एसएसबी में बेचैनी छायी हुई है. हर जवान के चेहरे पर गम है. पंजाब के गुरमेतला गांव मैसा जिला के राजा सिंह के 35 वर्षीय पुत्र एसएसबी जवान इकबाल सिंह ने शनिवार को इंसास राइफल से खुद को गोली मार ली. जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी.
घटना के बाद यह चर्चा हो रही थी कि शायद कंपनी के द्वारा जवान को छुट्टी नहीं मिलने से वह तनाव में था. पर एसएसबी कैंप से मिली जानकारी के अनुसार वह बीते 12 दिसंबर को ही छुट्टी से अपने घर लौटा था. और आगामी 29 जनवरी को भी वह दुबारा छुट्टी पर जाने वाला था. ऐसे में यह सवाल एसएसबी जवानों के लिये भी परेशान कर दिया है कि आखिर जवान इकबाल सिंह ने खुदकुशी क्यों की. कंपनी के अन्य जवानों ने भी इस बात का जिक्र नहीं किया है कि उसने कोइ शिकायत की हो. परिवार के तनाव को लेकर भी किसी प्रकार की चर्चा इकबाल ने नहीं की थी. खुद कंपनी कमांडेंट अजित सिंह राठौर बताते हैं कि जवान इकबाल खुशमिजाज इंसान था.
2005 में हुई थी नियुक्ति . इकबाल सिंह साल 2005 में एसएसबी में नियुक्त हुआ था. पहला पोस्टिंग श्रीनगर में हुआ था. तबसे वह श्रीनगर में ही तैनात था. पर जब अक्टूबर में 14 वीं बटालियन को श्रीनगर भेजा गया और भारत नेपाल सीमा पर श्रीनगर मे तैनात 48 वी बटालियन के जवानों को लाया गया. सबकुछ ठीक ठाक ही चल रहा था. इस दो माह के कार्यकाल में 48 वीं बटालियन के जवानों ने सीमा की पूरी तत्परता से निगरानी की है. पर अचानक शनिवार की सुबह करीब 6 बजकर 15 मिनट पर इंसास राइफल की गोली चलने के आवाज ने जवानों को चौंका दिया. सब आवाज की ओर दौड़े. सामने जो मंजर था वह हर किसी को स्तब्ध कर दिया था. मैदान में जवान इकबाल की खून से लथपथ लाश पड़ी थी.
पहले भी हो चुका है हादसा . सीमा पर पहले भी एक जवान की मौत हो चुकी है. यह घटना साल 2005 की है. मधवापुर बीओपी में 14 वी बटालियन के एक जवान मोहनलाल सेानी की 24 सितंबर को मौत हो गयी थी. शुरुआत में तो उक्त जवान के मौत को भी आत्महत्या का रूप दिया जा रहा था. पर बाद में जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि अशोक कुमार सोनी नामक एक जवान ने ही अपने साथी जवान की किसी बात पर गोली मार कर हत्या कर दी. डीआइजी संजय कुमार व एसपी अनुपमा एस निलेकर ने सघन जांच कर घटना का उद्भेदन कर दिया था.
साल 2005 में एक जवान ने कर दी थी साथी की गोली मार कर हत्या
दो माह पहले ही सीमा पर तैनात हुआ था इकबाल
एसएसबी व पुलिस के लिये इकबाल की मौत से बढ़ी परेशानी
2005 में एसएसबी में आया था इकबाल, श्रीनगर में था 10 साल से तैनात