कर्नाटक में बंधक बने उत्तर बिहार के 23 बंधुआ मजदूर मुक्त
सीतामढ़ी/मधुबनी : निजी एजेंसी इंटरनेशनल जस्टिस मिशन व बेंगलुरू पुलिस ने एपीएन प्लास्टिक फैक्टरी में छापेमारी कर 23 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है. इनमें 16 मधुबनी जिले के रहनेवाले हैं. इसके अलावा छह सीतामढ़ी व एक मजदूर दरभंगा जिले का है. सीतामढ़ी के मुक्त मजदूरों में सुप्पी प्रखंड के विशनपुर गांव के तपेश्वर पासवान […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
January 24, 2017 5:21 AM
सीतामढ़ी/मधुबनी : निजी एजेंसी इंटरनेशनल जस्टिस मिशन व बेंगलुरू पुलिस ने एपीएन प्लास्टिक फैक्टरी में छापेमारी कर 23 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है. इनमें 16 मधुबनी जिले के रहनेवाले हैं. इसके अलावा छह सीतामढ़ी व एक मजदूर दरभंगा जिले का है. सीतामढ़ी के मुक्त मजदूरों में सुप्पी प्रखंड के विशनपुर गांव के तपेश्वर पासवान का पुत्र गोविंद पासवान (24), ढेंग गांव के उदन मांझी का पुत्र राकेश मांझी (19), बाजपट्टी के रतवाड़ा गांव निवासी सीताशरण सदा का पुत्र सुनील कुमार (20), फौदी सदामधुबनी के पुत्र राजकुमार सदा (22), सुदीवर सदा के पुत्र जितेंद्र सदा (19) व सुरसंड के विशनपुर कामदेव गांव निवासी बुंदेला पासवान के पुत्र लालबाबू कुमार (22) के नाम शामिल हैं. इन मजदूरों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद श्रम विभाग के माध्यम से परिजनों को सौंप दिया गया.
मधुबनी से यह कराये गये मुक्त
मधुबनी के मुक्त कराये गये मजदूरों में बेनीपट्टी, हरलाखी व झंझारपुर के सदाय समुदाय के 16 व्यक्ति हैं. इनमें बेनीपट्टी प्रखंड के तिसियाही गांव के सुरेंद्र सदा, हृदय सदा, विरेंद्र सदा, राम फल सदा, सुशील सदा, राजेश सदा, पिंकू सदा, विपता सदा, पांडव सदा, रंजीत सदा, सिकंदर सदा, दीपक सदा, रामाशिव सदा, रंजन सदा, हरलाखी थाना के मनोज सदा व झंझारपुर प्रखंड के चनौरा निवासी अरुण कुमार सदा हैं.
परिजनों से नहीं कर पाते थे बात मजदूरों ने बताया कि ढेंग का दिनेश मांझी उनलोगों को सात हजार रुपये प्रतिमाह पर काम करने के लिए बेंगलुरु ले गया था. वे लोग एक से डेढ़ वर्ष से प्लास्टिक फैक्टरी में काम कर रहे थे. कंपनी 12 से 14 घंटे लगातार काम लेती थी. इस दौरान राहत की जरा सी सांस लेने पर प्रताड़ित किया जाता था. फैक्टरी से बाहर नहीं निकलने देते थे. काम के एवज में भुगतान नहीं किया जाता था. एक बार एक एनजीओ के प्रतिनिधि आये थे, उन्हें आपबीती बतायी, तो मुक्त हुए हैं.
सरकार की ओर से दी जायेगी आर्थिक मदद
श्रम अधीक्षक विनोद प्रसाद ने बताया कि मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों का नये बंधुआ मजदूर पुनर्वास कार्यक्रम के तहत आर्थिक मदद सरकार की ओर से दी जायेगी. कानूनी कार्रवाई कर कंपनी से मजदूरों की मजदूरी वसूल कर उनके खाता में डाल दी जायेगी.