नियुक्ति मामले की जांच को पहुंचे निदेशक

मामला तत्कालीन सीएस इरकुश टोप्पो द्वारा की गयी नियुक्ति का मधुबनी : साल 1990 – 95 के दौरान स्वास्थ्य महकमा में तृतीय वर्ग व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियुक्ति मामले की जांच में स्वास्थ्य सेवा के निदेशक पहुंचे. उन्होंने विभिन्न कागजात की जांच की व नियुक्ति को लेकर कर्मियों व अधिकारियों से पूछताछ की. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 5:14 AM

मामला तत्कालीन सीएस इरकुश टोप्पो द्वारा की गयी नियुक्ति का

मधुबनी : साल 1990 – 95 के दौरान स्वास्थ्य महकमा में तृतीय वर्ग व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियुक्ति मामले की जांच में स्वास्थ्य सेवा के निदेशक पहुंचे. उन्होंने विभिन्न कागजात की जांच की व नियुक्ति को लेकर कर्मियों व अधिकारियों से पूछताछ की. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ. इरकुश टोप्पो द्वारा वर्ष 1990-95 के बीच तृतीय व चतुर्थ संवर्ग में की गयी नियुक्ति में प्रथम दृष्टया अनियमितता पायी गयी है. जिसके लिए सीएस कार्यालय को तत्कालीन प्रधान लिपिक व सहायक की पूरी जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी : जांच दल के निदेशक (प्रशासन) डाॅ. उमाशंकर पाठक ने बताया कि जांच क्रम में कुछ अनियमितता पायी गयी है. मसलन बिना विज्ञापन व जिला कमेटी की अनुशंसा के बिना ही सीधे तौर पर सीएस द्वारा नियुक्ति की गयी है. वहीं तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ. इरकुश टोप्पो का निधन भी हो चुका है. जिसके कारण सीएस कार्यालय के तत्कालीन प्रधान लिपिक व सहायक को विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने का निदेश सीएस को दिया गया है. ताकि मामले की अनियमितता की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जा सके.
सीएस कार्यालय नियुक्ति प्रपत्रों की जांच करते निदेशक (प्रशासन) स्वास्थ्य सेवा डाॅ. उमा शंकर पाठक
क्या है मामला
सिविल सर्जन इरकुश टोप्पो के कार्यकाल वर्ष 1990-95 के दौरान बिना विज्ञापन व जिला कमेटी की अनुशंसा के 177 तृतीय व चतुर्थ संवर्ग में नियुक्ति की गयी थी. जिसकी अनियमितता लेकर जयपुरियार द्वारा लोकायुक्त के यहां एक शिकायती आवेदन दिया गया था. इधर सीएस कार्यालय द्वारा नियुक्ति से संबंधित कागजात लोकायुक्त को सौंपा गया. कागजात के तथ्यों का सही आकलन के लिए लोकायुक्त द्वारा स्वास्थ्य विभाग निर्देशित किया गया है. निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा द्वारा निदेशक (प्रशासन) को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी. जिसके बाद सोमवार को निदेशक डाॅ. उमाशंकर पाठक ने सीएस कार्यालय पहुंचकर नियुक्ति मामले की गहनता से जांच शुरू कर दिया है. मौके पर सिविल सर्जन डाॅ. अमरनाथ झा मौजूद रहें.

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