बजट में बीमारी पर चर्चा पर चुनौती कम नहीं
मधुबनी : केंद्र सरकार ने अपने बजट में स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लिये कई प्रकार की घोषणाएं की है. इसमें कालाजार को आने वाले अगले साल तक पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है तो दूसरी ओर टीबी को साल 2025 तक जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य है. इसी प्रकार […]
मधुबनी : केंद्र सरकार ने अपने बजट में स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लिये कई प्रकार की घोषणाएं की है. इसमें कालाजार को आने वाले अगले साल तक पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है तो दूसरी ओर टीबी को साल 2025 तक जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य है. इसी प्रकार कुष्ठ रोग को 2020 तक एवं फाइलेरिया को 2018 तक उन्मूलन करना है. पर सरकार के इन दावों को धरातल पर उतारने में अभी कई चुनौतिया बरकरार है. जिस प्रकार से सालों से यहां के चिकित्सक व स्वास्थ्य महकमा इन बीमारियों को समाप्त करने में जूझ रहा है उससे यह आशंका है कि कई बीमारी शायद ही इन निर्धारित समय सीमा के अंदर समाप्त हो सकेगी.
कालाजार के अब भी 93 मरीज
जिले में कालाजार मरीज की संख्या अब भी 93 है. इसके रोकथाम के लिए विभाग लगातार दवा वितरण किया जा रहा है. हालांकि बीते तीन चार साल में इसके मरीजों की संख्या में कमी आयी है. पर अब भी 93 मरीज का होना विभाग के लिये चुनौती है. हालांकि सभी पीएचसी पर दवा उपलब्ध करा दिया गया है. डीएस अजय नारायण प्रसाद ने बताया कि गर्मी के समय ज्यादा मरीज पाया जाता है. अगर लगातार 6 माह तक करीब एमबी जोन दवा लें तो इस रो से मुक्ति मिल सकती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव मुहल्लों में लगातार डीडीटी का छिड़काव किया जाता है.
टीबी को मुक्त करने में जूझ रहा विभाग
टीबी रोग को समाप्त करने में विभाग सालों से जूझ रहा है. अब भी जिले में 1854 रोगी टीबी के चिन्हित हैं. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर 16 तक ओपीडी में कुल 5 लाख 27 हजार लोगों ने बलगम का जांच कराया. जिसमें 15250 मरीज के बलगम में गड़बड़ी पाया गया. लेकिन कीट के माध्यम जांच होने पर 1854 मरीज के बलगम में टीबी बीमारी की शिकायत मिली. उक्त मरीज को विभाग द्वारा मुफ्त में कैट – 1 एवं कैट- 2 नामक दवा दिया जाता है. डा. एसपी सिंह ने बताया है कि दो साल के अंदर जिला में कोई भी टीवी का मरीज नहीं रहेगा.
1534 मरीज कुष्ठ रोग से ग्रसित
जिले में कुष्ठ रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या काफी अधिक है. इसे समाप्त करना स्वास्थ्य विभाग को सालों से परेशानी व चुनौती बना हुआ है. जानकारी के अनुसार कुष्ठ रोग के नये मरीज की संख्या 734 नया है. जबकि पुराने मरीज की संख्या 800 है. कुष्ठ रोग के मरीजों को 6 माह का दवा दिया जाता है. कुष्ट रोग से ग्रसित मरीज को एमबी पीबी विलिस्टर पैक देकर इलाज किया जा रहा है.
फाइलेरिया के मरीज भी कम नहीं
जिले में दो जगह पर फाइलेरिया जांच की जाती है. मधुबनी एवं झंझारपुर में माह दिसंबर 16 तक दोनों जगहों पर 2180 मरीज ने फाइलेरिया का जांच करवाया. जिसमें 131 लोगों में इस बीमारी का लक्षण पाया गया. प्रभारी पदाधिकारी डाॅ चंद्रकांत सिंह ने बताया कि दिसंबर माह में सभी प्रखंडों पर कैंप लगाकर लोगों का जांच किया गया. सीएस डाॅ अमरनाथ झा ने बताया कि इन बीमारियों के मरीज की संख्या में लगातार कमी आ रही है. श्री झा ने कहा कि लगातार दवा लेने से इन बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है.
कालाजार, टीबी व कुष्ठ रोग को समाप्त करने का है लक्ष्य