मधुबनी : नगर परिषद का चुनाव अप्रैल – मई में संभावित है. लिहाजा, मौजूदा नगर परिषद का बोर्ड अपना अंतिम बजट पेश करने की तैयारी में जुटा है. बजट में लोगों को रिझाने के लिए शहर के लोगों की मुख्य समस्याओं से निराकरण का फार्मूला तय किया जा सकता है. इसको लेकर वार्ड पार्षद प्रयासरत है.
बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में चुनावी झलक मिलेगी. करीब 1 लाख की आबादी वाले शहर के लोगों की निगाहें इस बजट पर टिकी है. 30 वार्डों वाले शहर की बड़ी आबादी के सामने अब भी सड़क, नाला, पेयजल, रोशनी जैसी समस्याओं से निजात की चुनौती बरकरार है. संभावना जतायी जा रही है कि इस साल के बजट में मुहल्ले के बचे हुए सड़कों व नालों के निर्माण को प्राथमिकता दी जायेगी.
जून में कार्यकाल होगा समाप्त. नगर परिषद के मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल जून में समाप्त हो जायेगा. ऐसे में अप्रैल मई में प्रस्तावित चुनाव होना है. प्रस्तावित चुनाव के तकरीबन दो माह पूर्व बजट पास करने की उम्मीद है. मुख्य पार्षद खालिद अनवर, कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा व नप कर्मी इसे अंतिम रूप देने में लगे हैं.
बुनियादी सुविधाओं पर जोर. बताया जा रहा है कि बजट 2017-18 में बुनियादी सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है. बजट निर्माण में लगे कर्मियों की माने तो नप प्रशासन से निर्देश में विकासात्मक कार्यों पर विशेष ख्याल रखा जायेगा. नगर निधि के लिए तैयार प्रारूप में सड़क के नये विस्तारित मुहल्लों में सड़क व नाला निर्माण पर विशेष जोर दिया जायेगा. वहीं शहर में जलजमाव से निजात के लिए योजनाओं पर विशेष प्रावधान किया जा सकता है. बजट में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था के लिहाज से बड़े कदम उठाये जा सकते हैं. वहीं राजस्व के स्रोत के विकास पर भी जोर दिया जायेगा.
10 करोड़ अधिक का होगा बजट .
वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट करीब 45 करोड़ का होगा. जो पिछले बजट की तुलना में 10 करोड़ अधिक होगा. पिछले वर्ष बजट के प्रावधान के अनुसार विकास के अनेक कार्य हुए थे. पिछले वर्ष की तुलना में
इस बार मूलभूत सुविधाओं पर अधिक जोर दिया जायेगा. नप प्रशासन का कहना है कि शहर के विकास के लिये 45 करोड़ रुपये की संभावित आवश्यकता है.
बजट में नागरिक सुविधा पर जोर की संभावना
चुनाव को देखते हुए लोक हित में बजट बनाये जाने की हो रही बात
वित्तीय वर्ष 2016-17 में 32 करोड़ 84 लाख का बजट हुआ था पारित
क्या है शून्य आधारित बजट
शून्य आधारित बजट इसे नई शुरुआत करना भी कहा जा सकता है. इसके तहत किसी विभाग या संगठन द्वारा प्रस्तावित खर्च की हर मद को बिलकुल नई मद मानकर या आधार शून्य मानते हुए फिर से मूल्यांकन किया जाता है. इसमें गत बजट की घटनाओं का कोई औचित्य नहीं होता.
सुविधा पर होगा जोर
वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान होगा. सड़क- बिजली, पानी व नाला निर्माण अधिक होंगे. शहर के बुनियादी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजट बनाये जा रहे है.
खालिद अनवर, मुख्य पार्षद