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जनता को मिले मुख्य पार्षद चुनने का अधिकार

मधुबनी : नगर परिषद का चुनाव अप्रैल मई महीने में होने वाला है. इस बार के चुनाव में मुख्य पार्षद का चुनाव कैसे हो! इस बात को लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. प्रभात खबर ने जब यह राय शहर के 30 वार्डों के आम लोगों से ली तो प्राय: अधिकतर पार्षद व […]

मधुबनी : नगर परिषद का चुनाव अप्रैल मई महीने में होने वाला है. इस बार के चुनाव में मुख्य पार्षद का चुनाव कैसे हो! इस बात को लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. प्रभात खबर ने जब यह राय शहर के 30 वार्डों के आम लोगों से ली तो प्राय: अधिकतर पार्षद व क्षेत्र की जनता ने सीधे चुनाव के समर्थक अधिक मिले. यहां नगर परिषद में तीस वार्ड है. हमने सभी पार्षदों (वार्ड 13 व 15 को छोड़कर) से बात की. इसमें से 27 वार्ड पार्षद ने मुख्य पार्षद का चुनाव

सीधे जनता के माध्यम से चुनाव कराने का समर्थन किया. यानी करीब 96.4 प्रतिशत पार्षद सीधे तौर पर चुनाव के पक्ष में थे. खुद वर्तमान मुख्य पार्षद खालिद अनवर भी. महज वार्ड नंबर 27 के पार्षद सुमित्रा देवी ने वर्तमान व्यवस्था का ही समर्थन किया. वर्तमान मुख्य पार्षद भी जनता के द्वारा चुनाव का समर्थन किये. ऐसा नहीं है कि सिर्फ पार्षद ही मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता से कराने के पक्ष में है. आमतौर पर शहर की राजनीति करने वाले कई दिग्गज ने भी इसका समर्थन किया.

शहर के विकास पर होगा ध्यान
जिन लोगों ने मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता के माध्यम से कराने का समर्थन किया आम तौर पर उनका मानना था कि सीधे चुनाव से मुख्य पार्षद सीधे जनता के प्रति जवाबदेह होगी. उस पर न तो बाहरी लोगों का दबाव होगा न ही पार्षदों का. उनके नेतृत्व में नगर परिषद प्रशासन क्षेत्र विशेष के लिए नहीं, पूरे शहर के लिए विकास करेगा. पूरे शहर का प्रतिनिधित्व करने के कारण मुख्य पार्षद की शक्ति बढ़ेगी, तो निश्चित तौर पर नप में भ्रष्टाचार घटेगा. गौरतलब हो कि कई राज्यों में मुख्य पार्षद (अध्यक्ष) का चुनाव सीधे जनता करती है. बिहार के मुख्यमंत्री इस ओर संकेत दिये हैं.
रुकेगी हॉर्स ट्रेडिंग. मुख्य पार्षद नगर परिषद बोर्ड व सशक्त स्थायी समिति के अध्यक्ष होते हैं. शहर में जितनी भी विकास की योजनाएं बनती है, उस पर अंतिम मुहर बोर्ड की लगती है. ऐसे में हर कोई इस पद को पाना चाहता है. फिलहाल, मुख्य पार्षद का चुनाव जनता से चुने गये पार्षद करते हैं. पार्षद खुद अपनी मरजी से मुख्य पार्षद के पद के लिए वोट करते है. इसमें जनता की राय नहीं पूछी जाती है. इसके कारण पार्षदों का मुख्य पार्षद के चुनाव में भूमिका बढ़ जाती है. इस प्रणाली में मुख्य पार्षद के चुनाव के दौरान पार्षदों की खरीद फरोख्त की आशंका बनी रहती है. सूत्र बताते हैं कि मुख्य पार्षद के चुनाव के दौरान प्राय: ऐसा देखा जाता है. जनता तथा पार्षद ने मुख्य पार्षद के लिए तो अपनी राय देने लगे हैं. अब सबकी निगाहें सरकार के घोषणा पर टिकी है.
वार्ड पार्षदों ने दी अपनी राय
1 जयशंकर प्रसाद
2 अशोक महतो
3 मखनी देवी
4 सुलेखा देवी
5 रितेश कुमार
6 पूनम देवी
7 रूमी देवी
8 महेश महतो
9 शाहजहां
10 समितुल्लाह खान
11 परशुराम प्रसाद
12 इमाम अली
14 सुनीता देवी
16 नागेंद्र राउत
17 हेना कौशर
18 कृष्णा देवी
19 सुभाष चंद्र मिश्र
20 अनुजा झा
21 रूबी सिंह
22 अनीसुर्रहमान
23 बीबी कुलसुम
24 रईसा खातून
25 शहनाज खातून
26 प्रतिमा रंजन
28 खालिद अनवर
29 समीउर्रहमान
30 बबीता देवी

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