हमें भी मिले हर माह दस हजार मानदेय
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विरोध. आठ सूत्री मांगों के समर्थन में प्रदर्शन
मधुबनी : मध्याह्न भोजन रसोइया फ्रंट के तत्वावधान में शुक्रवार को 8 सूत्री मांगों के समर्थन में समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व फ्रंट के राष्ट्रीय महासचिव राम कृपाल ने किया. मिथिला भवन से रसोईया फ्रंट की रैली समाहरणालय के मुख्य द्वार पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई. रैली में संघ के सदस्यों ने एक दो हजार में दम नहीं, दस हजार से कम नहीं का नारा लगा रहे थे. रसोइया संघ के महासचिव राम कृपाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एमडीएम योजना के तहत कार्यरत रसोइया की स्थिति वर्तमान समय में बंधुआ मजदूर से भी बदतर है. ना तो इन्हें काम की सुरक्षा है और
ना ही इन्हें जीने लायक पारिश्रमिक ही दिया जा रहा है. रसोईया को मनमाने ढंग से विद्यालय से हटा दिया जाता है. जो विधि एवं मानवाधिकार के खिलाफ है. उन्होंने राज्य एवं केंद्र सरकार को चेतावनी दिया कि नारी सशक्तिकरण का खोखला नारा बंद करें एवं मध्याह्न भोजन में कार्यरत नब्बे प्रतिशत महिलाओं को जिने लायक पारिश्रमिक की व्यवस्था करते हुए सुरक्षित भविष्य की गारंटी देने की व्यवस्था करें. वहीं जूली देवी ने कहा कि अपने घर में बच्चों व परिवार का खाना बनाना छोड़ कर रसोईया हर दिन विद्यालय में नियमित रूप से खाना बनाती है. पर इनके परिवार के लोग ही भूखे सोते हैं.
रसोइया संघ की आठ सूत्री मांग
रसोईया संघ ने प्रदर्शन के बाद 8 सूत्री मांग जिला पदाधिकारी को सौंपा. इनकी मुख्य मांगों में बाबूबरही प्रखंड के एमडीएम प्रभारी राजीव झा द्वारा किए जा रहे रसोईयों का उत्पीड़न व आर्थिक शोषण को बंद करने एवं उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उचित कानूनी कार्रवाई करने, कार्यरत रसोईयों का बकाया मानदेय का तत्काल भुगतान करने, रसोईए का मानदेय 7 तारिख को ऑन लाइन देने, जिले के मध्याह्न भोजन बनने वाले विद्यालयों में सामग्री उपलब्ध कराने की मांग शामिल है.
धरना को संतोष कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया.