बागवानी मद में Rs 45 हजार खर्च, पर फूल के दर्शन नहीं
मधुबनी : सदर अस्पताल को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए परिसर के खाली स्थानों पर बागवानी लगाने की कवायद रोगी कल्याण समिति द्वारा किया जाता है. पर यह संबंधित विभाग के लिये कमाई का जरिया बना हुआ है. आलम यह है कि जिस बागवानी के नाम पर हर साल 40 हजार से 50 हजार […]
मधुबनी : सदर अस्पताल को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए परिसर के खाली स्थानों पर बागवानी लगाने की कवायद रोगी कल्याण समिति द्वारा किया जाता है. पर यह संबंधित विभाग के लिये कमाई का जरिया बना हुआ है. आलम यह है कि जिस बागवानी के नाम पर हर साल 40 हजार से 50 हजार रुपये खर्च किये जाते हैं वहां साल में मुश्किल से एक दो माह ही
दस से बीस गेंदा फूल ही दिखाई देता है. नहीं तो सालों भर परिसर में बगीचे व फूल की जगह गंदगी व कचरे का ही अंबार लगा रहता है. खाली स्थानों पर बागवानी में फूलों की जगह बड़े छोटे झाड़- झंखाड़ ही दिखाई देता है. चालू वर्ष में अस्पताल परिसर के सीएस कार्यालय के समीप लगाये गये बागवानी में 43 हजार 41 रुपये खर्च किया गया.
रोगी कल्याण समिति द्वारा होती है राशि खर्च . सदर अस्पताल में बागवानी रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्ताव पारित कर किया जाता है. पूर्व में रोगी कल्याण समिति द्वारा एक एजेंसी को बागवानी कार्य का जिम्मा सौंपा गया था. जिसे वाद में हटा दिया गया. वर्तमान में रोगी कल्याण समिति व अस्पताल प्रबंधन द्वारा बागवानी कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. रोगी कल्याण समिति के सदस्य समीउर रहमान व हेमंत सिंह बताते हैं कि अस्पताल परिसर में बागवानी का मुख्य उद्देश्य अस्पताल में आने वाले मरीजों को एक स्वास्थ्य प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध करना है. जबकि अस्पताल परिसर में न तो साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था है और न ही बागवानी का ही उचित प्रबंध है. जबकि साफ सफाई मद में पुष्प भारती संस्था को प्रति माह 1 लाख से 1 लाख 25 हजार रुपये का आवंटन दिया जाता है. बावजूद दूसरे पुष्प भारती संस्था द्वारा ओपीडी सहित पोस्टमार्टम कक्ष तक की साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है. ऐसे में साफ सफाई व बागवानी केवल कागजी कार्रवाई तक ही सिमट कर रह गया है.
जलजमाव से हो रही परेशानी. रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष सह अधीक्षक सदर अस्पताल डा. अमर नाथ झा बताते है कि अस्पताल परिसर के विभिन्न खाली जगहों पर बागवानी लगाने का निर्देश दिया गया है. डा. झा ने बताया कि सदर अस्पताल की विडंबना है कि साल के लगभग 4-5 माह यह जल जमाव से घिरा रहा है. इसके लिए कई भवन निर्माण विभाग द्वारा पूरे परिसर का जल निकासी की कई योजना बनायी गयी. लेकिन अब तक उसका निराकरण नहीं हो पाया है.
हाल सदर अस्पताल के बागवानी मिशन का