रहिका : सौराठ सभा गाछी में मैथिल ब्राह्मण के लिए कंप्यूटर पंजीकरण का सपना सालों बाद साकार नहीं हो सका है. आज भी उसी पुरानी परंपरा के तहत शादी का पंजीकरण का काम किया जा रहा है. हालांकि कंप्यूटरीकृत पंजीकरण का काम साल 1998- 99 में शुरू किया गया. पर अब तक यह काम धरातल तक नहीं पहुंच सका है.
आलम यह है कि कंप्यूटरीकृत पंजीकरण के लिये जिस भवन का निर्माण किया गया था वह भवन भी अब दूसरे काम में आ रहा है. कांग्रेसी नेता डा. शकील अहमद के द्वारा साल 1998-99 में कंप्यूटीकृत भवन निर्मित कराया गया था. इसके 18 साल बीत जाने के बाद भी इस भवन में कंप्यूटरीकृत पंजी का काम चालू नहीं हो सका. जिस के लिए हर साल सभा निर्माण के दिन सौराठ सभा विकास समिति के द्वारा चर्चा की जाती है. लेकिन इस पर आज तक अमल नहीं हो सका.
इस बीच भवन को खाली देख कर बिहार सरकार की संस्था कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, संग्राहालय निदेशालय, मिथिला ललित संग्राहालय सौराठ, मधुबनी जो की पहले किसी दूरे भवन में चलता था यह अब पिछले कई वर्षों से देवानंद स्मृति भवन में चलाया जा रहा है. इस बाबत सौराठ सभा विकास समिति के सचिव शेखरचंद्र मिश्र ने बताया है कि भवन का निर्माण तो कर दिया गया . पर अब तक किसी के द्वारा कंप्यूटर उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.