पूजा-अर्चना के साथ ही खुला मां का दरबार
आस्था. पावन बेला में बेलतोड़ी की हुई रश्म पूरी, मां के जयकारे से गुंजायमान है वातावरण मधुबनी : मां के नेत्र पड़ने के साथ ही सोमवार को मां का दरबार श्रद्धालुओं के दर्शन को खुल गया. मां का पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा का जयकारा लगाते हुए मां का दर्शन किया व मां […]
आस्था. पावन बेला में बेलतोड़ी की हुई रश्म पूरी, मां के जयकारे से गुंजायमान है वातावरण
मधुबनी : मां के नेत्र पड़ने के साथ ही सोमवार को मां का दरबार श्रद्धालुओं के दर्शन को खुल गया. मां का पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा का जयकारा लगाते हुए मां का दर्शन किया व मां को विभिन्न प्रकार के फल व मिठाई के भोग लगाये. इससे पूर्व सुबह के पावन बेला में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मां के जयकारा करते हुए बेलतोड़ी में शामिल हुए और विधि विधान के साथ मां के नेत्र के लिये बेल को तोड़ कर डोला में मां के दरबार तक लाया गया. जहां पर वैदिक रीति रिवाज व पावन श्लोक, मंत्रोच्चार के साथ मां को नेत्र लगाया गया. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मां के डोला को लेकर भक्ति भाव से भजन कीर्तन करते हुए निर्धारित बेल्व पेंड तक गये.
जहां वैदिक रीति रिवाज से मां के नेत्र के लिये न्योते गये बेल्व को तोड़ा गया. मां के जयकारे लगते रहे. छठे दिन सोमवार सप्तमी तिथि को मुख्यालय सहित जिले के पूजा पंडालों व दुर्गा भवनों में श्रद्धालु भक्तों के दर्शनार्थ मां दुर्गा का पट खोल दिया गया. श्लोक, भजन व गीत की गूंज से क्षेत्र का वातावरण गुंजायमान है. हर तरफ भक्तिमय वातावरण बना हुआ है. दुर्गा पाठ, श्लोक, स्तुति, कीर्तन, भजन से चारों तरफ धार्मिक माहौल कायम है.
मां के सातवें स्वरूप की पूजा अर्चना सोमवार को की गयी. मंदिरों में आचार्य व पुरोहितों ने मां का ध्यान करते हुए ” करालरूपा कालाब्जसमानकृति विग्रहा कालरात्रि:शुभं दद्दादृ देवी” मंत्रोच्चार किया. मां को पुष्प, बेल्वपत्र, दूब, दूध, घी, शहद सहित अन्य कई प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया व प्रसाद लोगों के बीच वितरण किया गया. मंदिरों पर मां के सप्तश्लोकी पाठ की मंत्र गूंजती रही तो महिलाएं भी मां के भजन को गीत गाने में लीन रही.
मुख्यालय सहित देहात तक के दुर्गा भवनों, मंदिरों व पूजा पंडालों में विद्वान पंडितों के द्वारा वैदिक रीति रिवाज से मां शेरावाली की पूजा अर्चना की जा रही है. जगतपुर में बीते 32 साल से पूजा अर्चना की जा रही है. रविवार को पूजा समिति के अध्यक्ष धनंजय चौधरी, सचिव अमिर चौधरी,कोषाध्यक्ष विमल मिश्र, मुखिया सोमनाथ चौधरी, राजकुमार चौधरी, गुलाब चौधरी, लाल जी मिश्र, पप्पू चौधरी, मिथिलेश चौधरी,नबोनारायण झा सहित आस पास के गांव के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए.
मां का डोला उठाकर भजन कीर्तन करते हुए बेल्व तोड़ी की रश्म पूरा की गयी. इसी प्रकार मुख्यालय के काली स्थान परिसर, सूड़ी स्कूल, अकशपुरा, रहिका गांव सहित आस पास के दर्जनों गांव में भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है. शाम में महिलाएं मां के दरबार में सांझ दिखाती है. रात को आरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर आरती भजन कर रहे हैं.
बेनीपट्टी. अनुमंडल प्रक्षेत्र की कई जगहों पर हर्षोल्लासपूर्वक चैती दुर्गा पूजनोत्सव मनाया जा रहा है़ उच्चैठ, बेहटा काली स्थान, बसैठ, अरेर, साहरघाट और बलवा समेत आधे दर्जन से अधिक स्थानों पर पूजनोत्सव समारोह के साथ मनाया जा रहा है़ पूजा स्थलों पर साधकों के द्वारा दूर्गा सप्तशती व दुर्गा चालीसा का निष्ठापूर्वक पाठ किया जा रहा है़ वहीं शक्ति व बीज मंत्र आदि का जाप कर साधक अपनी तंत्र व मंत्र साधना में लीन हो चुके हैं. चारों तरफ भगवती के बज रहे गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है़ एक बार फिर से इस अवसर पर पूरा क्षेत्र सर्व मंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्रयंबिके गौंड़ी नारायणि नमोस्तुते व या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: की प्रतिध्वनि वातावरण में गूंज रहा है़ सुबह और संध्याकालीन महाआरती में सैकड़ों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं और संध्या के समय तो खाकर कन्याओं के द्वारा दीप प्रज्वलित किये जाने से पुरा मंदिर परिसर जगमगाता प्रतीत हो रहा है़ विश्वप्रसिद्ध छिन्नमस्तिका देवी के दर्शन के लिए उच्चैठ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है़ बता दें कि सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थल में चारों नवरात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते है़ चैती दुर्गा
पूजनोत्सव प्रारंभ होते ही सुबह से ही यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगतवी का दर्शन व जलापर्ण कर रहे है़ बताते चलें कि मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूरी पर उच्चैठ स्थित पश्चिम उतर कोने पर अवस्थित मां छिन्नमस्तिका मंदीर अवस्थित है, जहां संस्कृत के महाकवि कालिदास को विद्वता का वरदान मिला था़ जबकि कालिदास महामूर्ख माने जाने के कारण पत्नी पद्मावती से प्रताडि़त होकर यहां शरण ली थी और उनके भक्तिभाव का परिणाम था कि मां साक्षात दर्शन देकर उनको शापमुक्त की थी
और दुनियां में महामूर्ख कालिया महाकवि कालिदास के नाम से विख्यात हुए थे़ जनश्रुति के अनुसार यह 51 शक्तिपीठों में से एक है़ जिसके फलस्वरुप नवरात्र के अलावे अन्य दिनों में भी भारत के कई राज्यों व पडोंसी देश के नेपाल के साथ ही अन्य प्रदेश व देशों के लोग भी आकर मां की पूजा अर्चना करते हैं. जानकारी के अनुसार नवरात्रा में प़ बंगाल, झारखंड व नेपाल से हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते है़ बताया जाता है कि उच्चैठ भगवती के दर से आज तक कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटा है़ भगवती सब की मुरादें पूरी कर देती है़ जिससे लोगों की आस्था निरंतर परवान चढ़ती रहती है़
कलुआही. एन एच 105 जयनगर-दरभंगा मुख्य सड़क के किनारे रामजानकी मंदिर परिसर में महाशक्ति वसंती दुर्गा पूजा समिति के द्वारा चैत्री नवरात्रा का भव्य आयोजन किया गया है. पिछले तीन साल से ग्रामीणों द्वारा यह पूजा श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है.सोमवार को पट खुलते ही वैदिक मंत्रोचारण के साथ कालरात्रि देवी को नेत्र प्रदान किया गया. इसके साथ ही महालक्ष्मी,सरस्वती,गणेश,कार्तिकेय सहित शिव परिवार की विशेष पूजा अर्चना की गयी. सोमवार को सायंकाल सवा पांच बजे के बाद अष्टमी होने के
कारण कालरात्रि की महानिशा पूजा अर्चना किया गय. मां के गौरी स्वरूप को छप्पन प्रकार के भोग सहित अनेको प्रकार का श्रृंगार वैदिक मंत्रों के साथ किया गया. पूजा समिति के अध्यक्ष अशोक यादव,सचिव रविंद्र सिंह,मुनदेव सिंह,संतोष भगत , मनोज सिंह सहित अन्य ग्रामीण आयोजन को सफल बनाने में परिश्रम करते देखे गये. पुजारी भगवान मिश्र को और आचार्य पंडित नवल किशोर झा को बनाया गया है.
मधवापुर. प्रखंड क्षेत्र के बलवा में वसंतीय नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजन के लिये माता का दरबार खोल दिया गया है़ इस अवसर पर अहले सुबह से ही आस पड़ोस के कई गांवो के भक्तजन दर्शन के लिये जुटने लगे थे़ संपूर्ण गांव इस समय भक्ति रस में डूबा हुआ है़ पूजा समिति के सदस्यों के अनुसार सन 2011 से प्रतिवर्ष यहां चैती दुर्गा स्थापित किया जाता रहा है़. कहा जाता है कि सच्चे मन और श्रद्धा से पूजन करने वाले भक्तों के मन की मुरादों को माता रानी पूरा करती है़ पूजा समिति के अध्यक्ष संजय राय व मेला प्रभारी संजीव महतो ने बताया कि भक्तों के दर्शन के लिए यहां विशेष व्यवस्था रखी गयी है़
सभी वर्गो के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए कई प्रकार के झुला की व्यवस्था तथा नाटक, नाच, जागरण व सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया है ,साथ ही खरीदारी के लिए मीना बाजार भी लगाया गया है़
मधेपुर. प्रखंड क्षेत्र के मटरस, बकुआ, महिसाम,बरसाम एवं मधेपुर में वासंतिक नवरात्रा हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण में मनाया जा रहा है़ इस नवरात्रा को लेकर मटरस गांव के मटेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में भव्य पंडाल का निर्माण कर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना कर पूजा अर्चना की जा रही है़ वहीं मधेपुर, महिसाम एवं बकुआ गांव में भी मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है़ सोमवार को इन पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मां का पट खोल दिया गया़ मां का पट खोलने के साथ ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पूजा अर्चना को जुटने लगी है़ महिसाम गांव के मेला कमिटि अध्यक्ष राकेश झा, गीतेश झा, मुरारी झा,
गौडी शंकर झा, अमन कुमार, सुधीर कुमार, रूद्रकांत आदि ने बताया कि वर्ष 1992 से प्रतिवर्ष मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है़ इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है इस वर्ष भी कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है़ मधेपुर,मटरस गांव के पूजा स्थल पर ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है़
अंधराठाढ़ी. दुर्गा पाठ भजन कीर्तन से शिवा मंगरौना गांव भक्तिमय हो गया है. सोमवार से दर्शन के लियें मंदिर का पट खेाल दिया गया.कुल 211कलश स्थापना किया गया है. कात्यायिनी स्वरूपा मां के पूजा अर्चना के बाद पूरी विधि विधान से बेल न्योती किया गया. पालकी पर मां को गाजे बाजे के साथ लाया गया.पूजा एवं मेंला के सफल संचालन को स्थानीय मुखिया हरिशंकर राय को अध्यक्ष, कृष्ण देव राय उपाध्यक्ष ,संजीव कुमार राय सचिव ,रामानन्द राय उपसचिव वासुदेव राय कोषाध्यक्ष ,पूर्व मुखिया विशेश्वर राय,संयोजक समेंत 21 सदस्यी कमिटी बनाया गया है. प्रशासनिक स्तर पर दंडाधिकारी एवं पुलिस बल प्रतिनियुक्त किया गया है.
फुलपरास . अनुमंडल मुख्यालय के नव चैती दुर्गा समिति के द्वारा विल्वाभिमंत्रण के बाद सोमवार को पालकी में वेलतोड़ी कर मंदिर लाया गया. पंडितो के द्वारा मंत्रोच्चारण के आलावा वैदिक पद्धति के अनुसार माता भगवती की सातवे स्वरूप् स्कंदमाता की पूजा अर्चना की गयी. पं. आचार्य भगवान जी झा के द्वारा माता भगवती के सातवे स्वरूप की पूजा पद्धति के अनुसार पूजा कर भगवती की पट को खोला गया . सभी प्रतिमाओ की प्राण प्रतिष्ठा के बाद नवपत्रिका की पूजा किया गया तथा 21 कुवांरी कन्याओ को मंदिर परिसर में पूजा के बाद भोजन कराया गया .काफी संख्या में भक्त माता की जयकार लगाते हुये माता का दर्शन करने पहुंचे .
अनुमंडल क्षेत्र के सभी चैती दुर्गा समिति के द्वारा माता की सातवे स्वरूप् की पूजा अर्चना किया गया . इसमें फुलपरास पूजा कमिटि के अध्यक्ष बद्रीनारायण साह, संयोजक खोजेंद्र झा , प्रखंड भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, रूपेश कुमार यादव, धूरन बिस्वास, बजरंगी कामत , मिठु कामत ,जशो पासवान , रामचंद्र यादव , विरेंद्र यादव , जीवछ साह , मुन्ना साह के आलावा सैकड़ो ग्रामीणो ने बेलतोड़ी में उपस्थित होकर माता भगवती की पूजा अर्चना की.