अहले सुबह हुई मूसलधार बारिश, झील बनीं सड़कें
मधुबनी : जिला मुख्यालय सहित विभिन्न भागों में मंगलवार अहले सुबह से ही मूसलधार बारिश हुई, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया. अधिकांश सड़कों पर घुटने भर पानी लगा रहा. जिससे आवाजाही भी बाधित हुई. सुबह में बारिश होने के कारण छात्र विद्यालय नहीं जा सके. रह रह कर बिजली के चमकने और बादल के गरजने […]
मधुबनी : जिला मुख्यालय सहित विभिन्न भागों में मंगलवार अहले सुबह से ही मूसलधार बारिश हुई, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया. अधिकांश सड़कों पर घुटने भर पानी लगा रहा. जिससे आवाजाही भी बाधित हुई. सुबह में बारिश होने के कारण छात्र विद्यालय नहीं जा सके. रह रह कर बिजली के चमकने और बादल के गरजने से बच्चों में भय बना रहा. वहीं दो लोगों की विभिन्न जगहों पर ठनका गिरने से मौत भी हो गयी.
नगर परिषद की खुल गयी पोल. शहर में जल निकासी के लिये पूर्व में किये गये काम की कलई इस बारिश ने खोल कर रख दी है.ना सिर्फ नाला उफना गयी. गलियों की सड़कों की कौन कहे, शहर के मुख्य सड़कों पर भी पानी लगा रहा. वहीं सरकारी कार्यालयों में बारिश होते ही झील की स्थिति बन गयी. जिससे लोगों के कइ काम भी बाधित हुए. सदर अस्पताल, डीआरडीए, वाट्सन स्कूल, ट्रेजरी कार्यालय, सहकारिता कार्यालय, पशुपालन विभाग सहित अधिकांश सरकारी कार्यालयों में पानी दिन भर पानी जमा रहा. सदर अस्पताल में जलजमाव होने से ओपीडी में आने वाले मरीजों, कर्मियों व चिकित्सकों को भारी परेशानी हुई. मालूम हो कि सदर अस्पताल में सालों से जल निकासी की व्यवस्था नहीं है.
सब्जी की फसल को फायदा
बारिश से खेती पर मिला जुला असर पड़ा है. जिला कृषि परामर्शी रंधीर भारद्वाज व एस ए रब्बानी ने बताया है कि जिस खेत में पानी नहीं जमा होगा और पानी तुरंत निकलने की व्यवस्था होगी, वैसे खेत में लगे मूंग, सब्जी के खेती के लिये यह बारिश फायदेमंद होगा. वहीं, गरमा धान व आम के लिये भी इस बारिश के पानी को लाभदायक ही माना जा रहा है. वहीं हरी चादर योजना के तहत खेत में ढैंचा का बीज लगाने वाले किसान के लिये यह आदर्श समय है. जिला कृषि परामर्शी ने किसानों से अधिक से अधिक खेत में ढैंचा लगाने की सुझाव दी है.
राजनगर में सबसे अधिक हुई बारिश
मंगलवार को राजनगर में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गयी. पूरे जिले भर में औसतन 38.5 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजनगर में 94.7 एम एम बारिश हुई है तो सबसे कम फुलपरास में बारिश हुई यहां पर मात्र 9.2 एम एम ही बारिश हुई है.