एटीएम में पैसे नहीं, कैसे होगी बिटिया की शादी
मधुबनी : शहर मुख्यालय सहित पूरे जिले भर में इन दिनों लोग पैसे पैसे को तरस रहे हैं. शादी विवाह, लगन का मौसम होने के कारण लोगों की भीड़ पैसे निकासी को अधिक हो गया है. पर अधिकांश एटीएम पैसे नहीं उगल रहे हैं. ऐसे में बाहर से काम का निपटारा करने आये लोगों को […]
मधुबनी : शहर मुख्यालय सहित पूरे जिले भर में इन दिनों लोग पैसे पैसे को तरस रहे हैं. शादी विवाह, लगन का मौसम होने के कारण लोगों की भीड़ पैसे निकासी को अधिक हो गया है. पर अधिकांश एटीएम पैसे नहीं उगल रहे हैं. ऐसे में बाहर से काम का निपटारा करने आये लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है.
एटीएम से पैसे नहीं मिलने से लोग बेहाल हो इधर उधर कर्ज लेने को भटक रहे हैं. कैश-लेश बाजार अभी पूरी तरह नहीं बनी है. जिसके कारण नकद की मारा मारी चल रही है. कई ऐसे कार्य है जो नकद में ही हो सकते है.
जिले में तीन सौ एटीएम : जिले में विभिन्न बैंकों के करीब 300 एटीएम लगे हुए है. पर पिछले 7 दिनों से रुपये के अभाव में आधे से अधिक एटीएम बंद परे है. बताया जा रहा है कि एटीएम में पैसा डालने के लिए मांग के अनुरूप रुपये नहीं डाले जा रहे है. एक एटीएम में करीब 40 लाख रूपये डाले जाते है. पर इस समय 5 से 10 लाख रूपये ही डाले जा रहे है. बताया जा रहा है कि आरबीआई द्वारा बैंक के चेस्ट में पैसे उपलब्ध नहीं कराये जा रहे है.
55 एटीएम एनसीआर के जिम्मे : जिले में विभिन्न बैंकों के 55 एटीएम को जिम्मे है. जिसमें से अकेले एसबीआई के 37 एटीएम शामिल है. सिर्फ 18 एटीएम अन्य बैंकों के है. एनसीआर के जोनल कॉर्डिनेटर भालचंद्र चौधरी ने बताया कि बैंक द्वारा रुपये उपलब्ध कराने पर ही एटीएम में रुपये डालते है. इधर बैंक कर्मी ने बताया कि आरबीआई से मांग के अनुरूप रुपया नहीं मिल रहा है.
एटीएम में लगा शटर : शहर के अधिकांश एटीएम शनिवार को बंद था. कहीं एटीएम मे आधा शटर लगा था, कहीं पूरा शटर बंद था तो कहीं पैसा नहीं. कुछ एटीएम खुले थे तो वहीं तकनीकी खामियां होने के कारण लोगो को पैसा नहीं मिल पा रहा था.
लोग तपती धूप में शहर के एक एटीएम से दूसरे एटीएम में घूम रहे थे. हर ओर परेशानी ही परेशानी. शहर के बाटा चौक बड़ी मस्जिद के सामने, स्टेशन के समीप, एक्सचेंज के समीप, वाट्सन स्कूल के समीप सहित शहर के अधिकाशं एटीएम से पैसे नहीं निकल रहे थे.
शहर मुख्यालय सहित जिले भर की अधिकांश एटीएम मशीनें बंद
पैसे-पैसे को मोहताज हो रहे लोग, काम करने आये परदेशी के छूट रहे पसीने