डाक विभाग पर जुर्माना, 14 लाख रुपये किया भुगतान

मधुबनी : उपभोक्ता न्यायालय व राज्य उपभोक्ता न्यायालय के आदेश का अवहेलना डाक विभाग को महंगा पड़ा. डाक विभाग पर उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष विनोदानंद झा विनित व सदस्य लक्ष्मण कुमार एवं रंजना झा की पीठ ने इजराय वाद 12/13 में वारंट निकाले जाने के बाद जुर्माना राशि चौदह लाख रुपये का चेक डाक विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2017 4:42 AM

मधुबनी : उपभोक्ता न्यायालय व राज्य उपभोक्ता न्यायालय के आदेश का अवहेलना डाक विभाग को महंगा पड़ा. डाक विभाग पर उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष विनोदानंद झा विनित व सदस्य लक्ष्मण कुमार एवं रंजना झा की पीठ ने इजराय वाद 12/13 में वारंट निकाले जाने के बाद जुर्माना राशि चौदह लाख रुपये का चेक डाक विभाग द्वारा मंगलवार को जमा किया गया.

क्या था मामला. शिकायतकर्ता लहेरियागंज निवासी घूरन देवी व पति राजेंद्र लाल साह द्वारा डाकघर मधुबनी में मासिक आय योजना के तहत पांच लाख रुपये व 80 हजार रुपये का खाता खुलवाया था. शिकायतकर्ता घूरन देवी के पति राजेंद्र साह का निधन 8 जनवरी 2003 को हो गया. विभाग ने घुरन देवी को योजना के तहत 13 फरवरी 2007 तक मासिक भुगतान किया था. लेकिन उक्त तिथि के बाद डाक विभाग द्वारा यह कह कर कि ब्याज का भुगतान अधिक हो गया है,
राशि देना बंद कर दिया. शिकायतकर्ता द्वारा डाक विभाग को शिकायत की. शिकायतकर्ता घुरन देवी द्वारा उपभोक्ता न्यायालय वाद संख्या 36/2007 दर्ज कराया. उपभोक्ता न्यायालय ने डाक विभाग पर मार्च 2007 से मैचरूटी राशि का ब्याज सहित बिना कटौती का भुगतान करें. साथ ही 20 हजार रुपये क्षतिपूर्ति व वाद खर्च 2 हजार रुपये 15 प्रतिशत ब्याज के दर से भुगतान करने का आदेश दिया था. डाक विभाग ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की. लेकिन राज्य आयोग ने मैचरूटी से 12 प्रतिशत ब्याज तहत भुगतान करने का आदेश दिया.
फैसले के बाद भी भुगतान नहीं
राज्य उपभोक्ता आयोग के बाद भी डाक विभाग ने शिकायतकर्ता घुरन देवी को भुगतान नहीं किया. फिर शिकायतकर्ता मुख्य महाडाकपाल बिहार सर्किल पटना के विरुद्ध इजराय वाद संख्या 12/13 दायर की. सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर वारंट जारी किया गया. तब जाकर डाक विभाग द्वारा चौदह लाख रुपये का चेक जमा किया.
वहीं शिकायतकर्ता अपर्याप्त राशि बताते हुए भुगतान प्राप्त किया. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता नरेंद्र नाथ झा ने बहस किया. वहीं डाक घर के ओर से अधिवक्ता कपिलदेव सिंह ने बहस किया था.

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