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जयनगर में बड़ी घटना की तैयारी में था रंजीत

आतंक का अंत. पुलिस हिरासत में लिये गये बाला जी मिश्र की सूचना पर पुलिस ने इलाके में की घेराबंदी मधुबनी/ जयनगर : गोबराही चमुआ टोल के लोगों की जब नींद खुली तो ईंट भठ्ठे पर पुलिस जवानों की भीड़ देख लोगों को यह तो आशंका हो ही गयी थी कि कुछ ना कुछ तो […]

आतंक का अंत. पुलिस हिरासत में लिये गये बाला जी मिश्र की सूचना पर पुलिस ने इलाके में की घेराबंदी

मधुबनी/ जयनगर : गोबराही चमुआ टोल के लोगों की जब नींद खुली तो ईंट भठ्ठे पर पुलिस जवानों की भीड़ देख लोगों को यह तो आशंका हो ही गयी थी कि कुछ ना कुछ तो हुआ है. धीरे धीरे लोगों की संख्या बढ़ती गयी तो लोग पुलिस जवानों की ओर बढे. जब लोगों ने सामने का नजारा देखा तो किसी को अपने आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि पचास हजार का इनामी अपराधी रंजीत महतो मारा गया है. पर सच्चाई सामने थी. रंजीत महतो राम बाबू यादव के बंद ईंट भठ्ठा पर पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में मारा गया था.
खून से लथपथ रंजीत का शव भट्ठा परिसर में बने चबूतरे के समीप रखा था. पास ही उस कमरे में दवा की कुछ बोतले और टैबलेट्स भी थे. जिस कमरे में रंजीत छिप कर बैठा था. चारों ओर पुलिस के ही जवान नजर आ रहे थे. कई गाड़ी भी लगी थी. बाद में रंजीत महतो के मौत की जानकारी आग की तरह फैल गयी.
जिसे पता चला उसे सहज ही नहीं विश्वास हो रहा था कि मधुबनी सहित नेपाल के सीमावर्ती इलाका, सहित अन्य जिलो के आतंक बन चुके रंजीत महतो मारा गया है. इस बात के फैलते ही आस पास के गांवों के सैकड़ों महिला पुरुष घटना स्थल पर जमा हो गये. लोग रंजीत महतो के मारे जाने के बारे में एक दूसरे से जानकारी ले रहे थे. खून के धब्बे, बंद कमरे में रखे दवा व बंद भठ‍्ठा के बारे में हर किसी की उत्सुकता बढी जा रही थी.
चमुआ टोल से सटे इस एनकाउंटर स्थल की ओर जयनगर से भी लोगों को हुजूम उमड़ रहा था. बताया जा रहा है कि करीब तीन बजे सुबह में एनकाउंटर में रंजीत महतो मारा गया था. इसके करीब तीन चार घंटे बाद चमुआ टोल स्थित इंट भठ्ठा से रंजीत महतो का शव भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जयनगर थाना पर लाया गया.
जैसे ही थाना पर रंजीत का शव पहुंचा जयनगर बस्ती पंचायत व बाजार के लोग थाना परिसर में रंजीत के शव को देखने के लिये उमड़ पड़े. एसपी दीपक बरनवाल ने भी एनकाउंटर वाले स्थल की व्यापक तौर पर जांच की व इस अभियान को अंजाम देने वाले अधिकारियों से जानकारी ली.
नेपाल में थी बसने की योजना
एसपी दीपक बरनवाल ने बताया है कि रंजीत महतो का प्लान नेपाल में घर बना कर रहने का था. वहीं पर उसने जमीन भी ले रखी थी. योजना यह थी कि नेपाल में घर बनाया जाय. मधुबनी सहित अन्य जिलों में अपराध कर वापस नेपाल में जाकर अपने घर में शरण लेता और पुलिस यहां उसे ढूंढती रह जाती. कहा कि नेपाल में रंजीत के छिप जाने के कारण पुलिस को भारी परेशानी होती थी.
25 मिनट तक पुलिस के साथ मुठभेड़, रंजीत को लगी हैं छह गोलियां
10 साल में दर्जनों घटनाओं को दिया अंजाम
बीते करीब दस साल में रंजीत महतो ने दर्जनों लूट, फिरौती, हत्या, अपहरण, छिनतई जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था. वह बीते एक दो सालों में खुलकर आतंक मचाने लगा था. कई पेट्रोल पंप को लूट लिया था. खुल कर फायरिंग करता था. लोगों को धमकाना उनसे रकम मांगना इसकी अपराध में शामिल हो चुका था. जिससे लोगों के बीच इसका आतंक कायम हो गया था. रंजीत का नाम सुनते ही साधारण लोग डर जाते थे. नंद कुमार हत्या कांड, जयनगर कारबाइन फायरिंग
साहरघाट में विधायक के पेट्रोल पंप लूट कांड और खजौली में दिन दहाड़े कारबाइन से फायरिंग करते हुए पेट्रोल पंप से पुलिस के सामने से बच कर निकल जाने के बाद से इसकी दहशत और अधिक हो गयी थी. पर इसी दिन से पुलिस ने इसे अपने टारगेट पर रख लिया था. पुलिस सूत्रों की मानें तो चार थानों की पुलिस अधिकारी को एसपी ने सिर्फ इसके पीछे लगा रखा था. वहीं पटना से आये एसटीएफ की टीम बीते करीब एक माह से इसके पीछे लगा हुआ था.
मुखिया, ठेकेदार व व्यवसायी से वसूलता था रंगदारी
पुलिस इनकाउंटर में मारे गये रंजीत महतो का खौफ जिले में पिछले कुछ वर्षों से काफी बढ़ गया था. बात बात में गोली चलाना उनका शौक बन गया था. वह जिले के बड़े बड़े ठेकेदार, व्यवसायी एवं मुखिया से रंगदारी वसूल करता था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसने कई लोगों से रंगदारी वसूले थे. उसके खौफ से लोग इतना डरे हुए थे कि उसके द्वारा रंगदारी मांगने की सूचना डर से पुलिस को भी नहीं देते थे. वह बेखौफ अंदाज में मोबाइल से रंगदारी की मांग करता था. नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी देता था. 28 अप्रैल को खजौली पेट्रोल पंप पर फायरिंग करने एवं पंप कर्मियों से रुपया लूटने के बाद अगले ही दिन रंजीत ने उसी पेट्रोल पंप के मालिक को फोन कर रंगदारी नहीं देने एवं पुलिस को सूचना दिये जाने को लेकर अंजाम भुगतने की धमकी दिया था.
हाल के दिनों में रंजीत द्वारा लगातार बड़ी- बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया था. आठ फरवरी को जयनगर के भेलवा टोल में कारबाईन से अंधाधूंध फायरिंग कर एक की हत्या कर दी थी. वह पुलिस के लिये सिर दर्द बना था.
चार सदस्यीय मेडिकल टीम ने किया पोस्टमार्टम
रंजीत महतो के शव का सदर अस्पताल के चार सदस्यीय मेडिकल टीम ने पोस्टमार्टम किया. सुबह करीब दस बजे दिन में सदर अस्पताल में रंजीत के शव को जयनगर से पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाया गया. डीएस अजय नारायण प्रसाद के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया. छह गोली रंजीत के शरीर के विभिन्न हिस्सों में लगी थी. इसमें एक गोली उसके सिर में भी लगी है. जिससे उसकी मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के दौरान सदर अस्पताल में रंजीत के शव को देखने के लिये लोगों की भारी भीड़ रही.
मेडिकल टीम में अजय नारायण प्रसाद के अलावे डा. डीएस मिश्रा, डा. एस सी राय एवं डा. शंकर कुमार शामिल थे.
कैलाश को अपना आपराधिक गुरु मानता था रंजीत
राजनगर थाना क्षेत्र के भटसीमर मलहनमा गांव निवासी कैलाश झा को रंजीत अपना आपराधिक गुरु मानता था. लोगों का कहना है कि शुरुआत में कैलाश झा व मुन्ना के सानिध्य में रहकर ही रंजीत ने अापराधिक घटनाओं को अंजाम देने की बात सीखी. रंजीत के बचपन के साथियों में से कुछ ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया है कि जब रंजीत की उम्र करीब तेरह चौदह साल की रही होगी तभी से उसके हाथों में हथियार आ गये थे. अपने साथियों के बीच बात बात पर रंजीत रिवाल्वर निकाल कर धमकाने लगता था. इस समय तक इसका उठना बैठना उस जमाने के शातिर अपराधी कैलाश व मुन्ना के साथ होने लगा था.
इससे यह अंदाजा लगाया जाने लगा कि रंजीत को कैलाश व मुन्ना ने ही हथियार उपलब्ध कराया था. शुरुआत में तो लोगों ने इसे अपने गुर्गे के रूप में इस्तेमाल किया . बताया जा रहा है कि जब भी किसी को किसी के साथ कोई विवाद होता और सामने वाले को डराना होता तो कोइ एक पक्ष रंजीत को हायर करता, कुछ पैसे देते और संबंधित लोगों को डराया जाता. धीरे धीरे आस पास के गांवों में रंजीत का दहशत कायम हो गया. फिर देखते ही देखते रंजीत के अपराध करने का दायरा बढ़ता गया और उसके दहशत में भी बढोतरी हो गयी. शुरू में छोटे मोटे छिनतई की घटना को अंजाम दिया. फिर इसके साथियों की भी बढोतरी होती गयी.
छिनतई की घटना से आये पैसे से इन लोगों ने कुछ और हथियार खरीदे, इसमें देसी निर्मित कारबाइन भी शामिल है. कारबाइन मिलते ही रंजीत के गैंग के लोगों ने अपराध को और अधिक तेज कर दिया. कई पेट्रोल पंप पर खुलेआम फायरिंग कर लूट लेता था. इसी गैंग ने बीते साल 2015 में लदनिया के इंट भठ्ठा व्यवसायी नंद कुमार की हत्या कर दी थी.
बाद में बीते 8 फरबरी को जयनगर में पंचायत समिति सदस्य सत्तन झा पर कारबाइन से अंधाधुंध फायरिंग किया. जिसमें सत्तन झा तो बाल बाल बच गये पर इसमें एक निर्दोष टेलर मास्टर की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी थी. इसके बाद साहरघाट पेट्रोल पंप लूट कांड को अंजाम दिया.
पटना एसटीएफ कर रही थी रेकी
अपराधी रंजीत महतो की रेकी में एसटीएफ की टीम बीते एक माह से जिले में मौजूद थी. यह आइजी ऑपरेशन के निर्देश पर किया जा रहा था. चार सदस्य टीम में शामिल थे. सूत्रों की मानें तो जिस दिन खजौली पेट्रोल पंप पर फायरिंग के बाद खुलेआम पुलिस को गाली गलौज करते हुए चुनौती दी थी कि 11 जिले की पुलिस रंजीत को खोज रही है.
इसी घटना और रंजीत के द्वारा दिये गये चुनौती को पुलिस ने गंभीरता से लिया और रंजीत को पकड़ने के लिये एक साथ दो- दो टीम एक साथ लगा दी गयी. एक टीम एसटीएफ की थी तो दूसरी टीम कुछ थानों के चुनिंदा पुलिस अधिकारियों की. घटना की गंभीरता व रंजीत के आतंक को देखते आइजी ऑपरेशन पटना कुंदन कृष्णन ने पटना एसटीएफ के चार सदस्यीय टीम को जिला में रंजीत को पकड़ने के लिए प्रतिनियुक्त किया था. एसटीएफ पटना की टीम पिछले करीब एक माह से रेकी कर रही थी.

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