खुद इंसाफ करना चाहती थी भीड़

मधुबनी : भोला मुखिया व आरती की हत्या से आक्रोशित लोग खुद ही इस मामले की इंसाफ कर लेना चाहते थे. यही कारण था कि इस मामले में पूरा गांव आक्रोशित होकर अपराधियों को घेर लिया. लोगों ने ना सिर्फ घर के अंदर रोड़ेबाजी व इंट के टुकड़े फेंके. कई बार छत पर चढ कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2017 4:11 AM

मधुबनी : भोला मुखिया व आरती की हत्या से आक्रोशित लोग खुद ही इस मामले की इंसाफ कर लेना चाहते थे. यही कारण था कि इस मामले में पूरा गांव आक्रोशित होकर अपराधियों को घेर लिया. लोगों ने ना सिर्फ घर के अंदर रोड़ेबाजी व इंट के टुकड़े फेंके. कई बार छत पर चढ कर अपराधियों को भाले व लाठी भी मारने की कोशिश की.

आक्रोशित लोग हाथों में लाठी, भाला , खुकरी लिये घरों के उपर चद कर अपराधियों को घर में ही मारने की कोशिश कर रहे थे. कई बार तो लोगों ने हथौरा व कुल्हारी से घर के मुख्य द्वार का ग्रिल भी तोड़ने की कोशिश की. घंटो गेट पर हथौरा का चोट किया गया. पर गेट नहीं टूट सका.

जिंदा जलाने की भी हुई कोशिश
इस मामले में जब लोग घर में प्रवेश करने में विफल रहे तो लोगों ने अपराधियों को घर के अंदर ही जिंदा जलाने की कोशिश की. पुलिस के सामने ही कई बार घरो के चारों ओर से पेट्रोल व किरासन तेल छिड़क कर आग लगाने की भी कोशिश की गयी. पर पक्का मकान होने से घर में आग पकड़ नहीं रही थी.
जिसके बाद लोगों ने कपड़ों व पन्नी में आग लगा कर बांस के सहारे खिड़की व वेंटिलेशन से घर में फेंक कर आग लगाने की काशिश की. कई बार आग की तेज लपटे भी उठी. लोगों को लगा कि इस बार शायद घर में आग पकड़ लिया. पर अपराधी अंदर से आग पर शायद पानी डाल देते थे. जिस कारण आग पूरी तरह नहीं पकड़ पा रही थी. लोग एक साथ दो लोगों के मौत का बदला अपराधियों को जिंदा जलाने की ही कोशिश कर रहे थे. लोग इस घटना में खुद ही इंसाफ करना चाहते थे.
दहशत व आक्रोश में बीता चार घंटे
नगर थाना के भच्छी गांव में हुए डबल मर्डर के बाद भच्छी गांव 4 घंटे तक दहशत व आक्रोश की आग में जलता रहा. गांव में मकान बनाकर रह रहे अपराधी द्वारा पलक झपकते ही दो हत्या करने के बाद मृतक के बेटे को भी घायल कर दिया और अपने घर में ही छिप गए. ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी मिली तो ग्रामीणों द्वारा उस घर को घेर लेने व पुलिस को सूचना देने के बाद अपराधी द्वारा घर से फायरिंग किए जाने से ग्रामीण दहशत में आ गए.
ग्रामीणों द्वारा जब अपराधी के घर पर रोड़ेबाजी शुरू किया गया तो घर से उसका जवाब पत्थर फेंक कर दिया गया. वह उपस्थित सैकड़ों की संख्या में लोग व दर्जनों की संख्या में उपस्थित पुलिस के जवान व अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे थे, कि आखिर घर में कितने अपराधी एकत्रित हैं. ग्रामीण बता रहे थे कि घर में 7 से 8 लोग छुपे हुए है. इनमें से तीन अपराधी युवा थे
जो बार-बार घर की छत से छुपकर पत्थरबाजी कर रहे थे. ग्रामीणों ने कहा कि अपराधी के द्वारा शुरू में घर से फायरिंग किए जाने से ग्रामीण दहशत में थे कि आखिर इतनी संख्या में ग्रामीण व पुलिस बाहर घेरे हुए है और अपराधी बेखौफ होकर उसका जवाब दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि वे शातिर अपराधी है. भच्छी गांव में ही कई चोरी व डकैती की एक घटना में उनकी संलिप्तता रही है. पर उन्हें कोई जानता नहीं था. वह परिवार किसी ग्रामीण के संपर्क में नहीं था.
पुलिस से उठ रहा था विश्वास : अपराधी द्वारा लोगों व पुलिस को खुलेआम चुनौती देने एवं पुलिस द्वारा देर शाम तक जबावी कार्रवाई नहीं किये जाने के बाद तो लोगों का विश्वास पुलिस से उठती जा रही थी. लोग रह रह कर डीएसपी कुमार इंद्र प्रकाश के पास जाते और पुलिस जवानों को अपराधियों के घर में घुस कर बाहर निकालने का दबाव दे रहे थे. पर पुलिस घर के दरवाजे तक जाती और फिर बैकफुट पर लौट जाती. जिससे लोगों को लगा कि पुलिस भी अपराधी से खौफ खा रही थी. कई बार तो यह स्थित बनी की पुलिस को लोगों ने खदेड़ दिया.
छत से भौंक रहा था कुत्ता
भच्छी गांव के सुनसान इलाके में बने अपराधी के घर को चारों तरफ से हजारों की संख्या में ग्रामीण घेरे हुए था. सैकड़ों की संख्या पुलिस के जवान व अधिकारी भी मौके पर उपस्थित थे. ग्रामीण घर के ग्रील को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. ईंट से ग्रामीणों द्वारा घर पर हमला हो रहा था. घर में आग भी लगाया गया पर घर के अंदर छूपे अपराधी बेखौफ होकर भीड़ पर घर के अंदर से पत्थबाजी कर रहे थे. इसी दौरान शाम 6 बजे के आस घर में मौजूद उजले रंग का एक कुत्ता घर के छत पर चढ़कर भीड़ पर भौंकने लगा.
कई बार गेट तक आये अपराधी
दूर से देखने पर अपराधी करीब 20 से 25 साल के युवक लग रहे थे. दो अपराधी बार-बार छत पर आकर लोगों के हमलों का जबाव दे रहे थे. एक गंजी पहने, सर पर तौलिया बांधे लोगों पर इंट रोड़ा फेंकते और वापस घर के अंदर घुस जाते. हौंसला इतना कि कई बार तो खिड़की व मुख्य गेट पर आकर लोगो को देखता और हमला कर रहा था.
तीन महिलाएं भी थी अंदर
पुलिस सूत्रों का कहना है कि बंद घर में आठ लोग थे. जिसमें तीन महिला व बच्चा भी शामिल है. पर इसकी अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है. पर एक बार भी इन महिलाओं तक के चीखने चिल्लाने की आवाज किसी ने नहीं सुनी. जिस प्रकार से ये लोगों का मुकाबला कर रहे थे लोगों में यह आशंका थी कि ये पेशेवर अपराधी हैं. इधर लोगों ने इस घटना के बाद इस मुहल्ले में हुए कुछ दिन पूर्व पत्रकार के घर में हुए चोरी की घटना को भी इन्हीं लोगों के द्वारा अंजाम दिये जाने की आशंका जता रहे थे .

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