मधुबनी. बाल श्रम के विरुद्ध सजगता एवं धावा दल द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन निरीक्षण अभियान चलाया गया. इसी क्रम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, एवं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंधराठाढी के नेतृत्व में पंडौल प्रखंड में रमण जी ऑटोमोबाइल से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया. विमुक्त बाल श्रमिक को बाल गृह में रखा गया है. नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि बाल श्रमिकों से दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना गैरकानूनी है. कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है. वहीं नियोजकों से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी. राशि जमा नहीं करने वाले नियोजक के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा. धावा दल टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गोविंद कुमार, अनूप शंकर, अमित कुमार, रत्न कुमारी, दीप नारायण यादव, एसआई पंडौल एवं अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे.
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