मधुबनी: कोतवाली चौक के समीप शनिवार को दिन दहाड़े शिक्षक की गोली मार कर हुई हत्या मामले में दो साल पहले से शुरु हुआ विवाद मौत तक पहुंच गया. पल भर में हंसता खेलता परिवार गम में डूब गया. पुपरी में बतौर शिक्षक पदस्थापित आलोक यादव गर्मी छुट्टी में अपने बच्चों के साथ मौज मस्ती व समय बिताने आये थे. पर किसे मालूम था कि शनिवार का दिन उनके जिंदगी का आखिरी दिन होगा. लोगों के अनुसार आरोपी लगातार उनसे पंद्रह हजार की रंगदारी मांग कर रहा था. जिसे देने से वे इंकार कर रहे थे. दो साल पहले शुरु किया घर का निर्माण आलोक यादव का पैतृक घर पंडौल थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव है. पर वे कोतवाली चौक के समीप अपना घर बना रहे थे. बताया जा रहा है कि जबसे घर का निर्माण शुरु किया उसी समय से आरोपी विकास यादव के साथ उनका विवाद शुरु हो गया था. आरोपी लोग लगातार उनसे स्थानीय होने का रौब दिखा कर रंगदारी की मांग किया करते थे. स्थानीय कई लोगों ने बताया है कि शुरुआती समय में ये कई बार कुछ पैसे खाने पीने के लिये आरोपितों को दिये थे. पर बाद में समय से साथ साथ खाने पीने के खर्च से आगे रंगदारी की मांग आरोपित करने लगे. बीते दो साल में कई बार विवाद भी हो चुका था. आजिज आकर दोनों पक्षों के द्वारा थाना में केस भी किया गया. इस बीच जब आलोक गरमी छुट्टी में घर आये तो आरोपित लगातार उनसे रंगदारी देने की मांग करने लगे और आलोक पैसे देने से इंकार कर रहे थे. अचानक कर दिया हमला मृतक के पिता वैद्यनाथ यादव के अनुसार जब से घर बनना शुरु किया गया. विवाद शुरू हो गया. दोनों पक्षों के बीच पहले भी विवाद हुआ था. आरोपित स्थानीय होने के कारण मृतक और उसके परिवार वालों पर पैसा देने का दबाव दिया जा रहा था. इस कारण दोनों पक्षों के बीच मारपीट तक की नौबत आ गई थी. शनिवार को आलोक अपने आवास से नये निर्माणाधीन घर पर गये थे. वहां सब काम देखने के बाद वे वापस वह प्रगतिनगर लौट रहा था. अचानक कोतवाली चौक पर आरोपी आया और ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया. आलोक को संभलने तक का मौका नहीं मिला. स्थानीय लोगो में दहशत का माहौल देखा जा रहा है. घटना के बाद लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी. इसी बीच घटना को अंजाम देकर आरोपित घटना स्थल से भागने में सफल हो गया. पर वह स्टेशन पर पुलिस के गिरफ्त में आ गया.
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