मधुबनी. जिला व्यवहार न्यायालय के जाने-माने फौजदारी के वरीय अधिवक्ता व पूर्व लोक अभियोजक कमल नारायण यादव का आकस्मिक निधन नंदनगर स्थित आवास पर शुक्रवार को हो गया. वे करीब 80 वर्ष के थे. वे वर्षों से न्यायिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे और उनके मार्गदर्शन व अनुभव ने अनगिनत मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके न्यायिक कौशल और उच्च नैतिक मूल्यों ने उन्हें जिले में सम्मान दिलाया. वे न केवल अपने कानूनी ज्ञान के लिए बल्कि अपनी सादगी और विनम्रता के लिए भी जाने जाते थे. उनके निधन से अपूर्णीय क्षति हुई है. आठ साल लोक अभियोजक पद पर रहे अधिवक्ता कमल नारायण यादव का जन्म फुलपरास थाना क्षेत्र के महदेवा गांव में 28 फरवरी 1945 को हुआ था. उनकी शिक्षा गांव से ही शुरू हुआ. उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा भोला उच्च विद्यालय डेवढ़ से 1961 में पास की थी. वहीं एमए, एलएलबी की पढ़ाई सीएम कॉलेज दरभंगा से किया था. उन्होंने 13 जून 1969 में वकालत शुरू की. अपने कैरियर के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण पद रहे. वे 1990 से 1998 तक लोक अभियोजक के पद पर रहे. वहीं एक बार आवश्यक वस्तु अधिनियम के स्पेशल पीपी भी रह चुके है. जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव पद पर भी निर्विरोध चुने गए. वहीं वे संघ के लिए बनने वाले वायलॉज के तीन सदस्यीय टीम के सदस्य भी रह चुके थे. खबर सुनते ही आवास पर लोगों का लगा तांता वरीय अधिवक्ता कमल नारायण यादव की निधन की खबर मिलते ही कोर्ट में शोक की लहर दौड़ गई. उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके आवास पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया. वहीं अधिवक्ताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त की. शोक संवेदना करने वालों में बिहार बार काउंसिल सदस्य दीनानाथ यादव, सपन कुमार सिंह, मिश्री लाल यादव, समाजसेवी राजकुमार यादव, रघुनाथ यादव, फुलदेव यादव, आरीफ हुसैन, सतीश चंद्र, शैलेन्द्र कुमार सिंह, अधिवक्ता सुरेंद्र लाल दास, ऋषिदेव सिंह, मो. फैज , महेश कुमार मंडल, मंजू कुमारी, अंजनी कुमार सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने फूल चढ़ाकर शोक संवेदना प्रकट किया.
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