राजनगर. राजनगर में कृषि महाविद्यालय का सपना अधूरा है. तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री चतुरानंद मिश्र ने राजनगर में 1997 में कृषि महाविद्यालय खोलने का शिलान्यास किया था. शिलान्याय के लगभग 27 साल बाद भी कृषि महाविद्यालय स्थापित नहीं हो सका. कृषि महाविद्यालय खुलने से प्रखंड क्षेत्र के आसपास के गरीब किसान मजदूर एवं खेतिहरों को फायदा होता. क्षेत्र के किसानों, छात्रों को इसका सीधा लाभ मिलता. विदित हो कि तत्कालीन मधुबनी सांसद चतुरानन मिश्र केन्द्रीय कृषि मंत्री रहते हुये राजनगर के राज खेल मैदान के समीप दाई जी आवास में कार्यालय खोलने और राजनगर रेलवे स्टेशन समीप क़ृषि विभाग के बीस एकड़ जमीन में क़ृषि महाविद्यालय स्थापित करने निर्णय लिया था. लेकिन दशकों बीत जाने के बाद भी कृषि महाविद्यालय नहीं खुल सका. कृषि महाविद्यालय का शिलान्यास होने से जिले वासियों एवं किसानों में ख़ुशी थी. शिलान्यास समारोह में बिहार के राज्यपाल एआर किदबई, केंद्रीय क़ृषि मंत्री चतुरानन मिश्र, बिहार सरकार के कृषि मंत्री रघुनाथ झा, पशुपालन मंत्री राजकुमार महासेठ सहित केंद्र एवं राज्य के कई अधिकारी शामिल हुये थे. तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि कृषि महाविद्यालय खुलने से यहां के किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर सकेंगे. लेकिन इतने दिनों बाद भी कृषि महाविद्यालय की स्थापना नहीं हो सका. स्थानीय किसान संजय कुमार, राजा पटेल, संजय पटेल, अवधेश ठाकुर ने कहा कि इस बाढ़ग्रस्त अति पिछड़े इलाके में रोजगार के साधन उपलब्ध होते.
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