बेस मैप और संपत्ति के तहत हर घर व शहर का डिजिटल सर्वे शुरू मधुबनी . नगर निकाय क्षेत्र के सभी मकानों और अन्य सभी संपत्तियों का यूनिक कोड होगा. इसके आधार पर मकान व खाली भूमि की जानकारी मिलेगी. नागरिकों के साथ ही सरकारी संपत्तियों का भी ब्योरा डिजिटलाइज होगा. यह कार्य भौगोलिक सूचना तंत्र (जीआईएस) के माध्यम से होगा. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पूरी प्रक्रियाओं से सभी को अवगत कराया जायेगा. इसमें आने वाली समस्याओं के समाधान की रुपरेखा बनायी जायेगी. इसके लाभ से लोगों को अवगत कराया जायेगा. नगर विकास व आवास विभाग ने इसके लिए एजेंसी सीई इंफो सिस्टम प्रा लि. नई दिल्ली को अधिकृत किया है. वहीं इसके लिए टाउन प्लानर अदनान अहमद को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है. एजेंसी कर रही है जानकारी संकलित एजेंसी हर भवन पर जाकर पूरी जानकारी संकलित करेगी. जरूरत के अनुसार भीतरी परिसर की भी जांच एजेंसी द्वारा की जा सकती है. इसके बाद एक यूनिक कोड वाला नंबर प्लेट मकान पर लगाया जायेगा. मेयर अरुण राय ने कहा है कि इस काम से लोगों को काफी सुविधा होगी. उनकी समस्याओं का समाधान सहज होगा. त्वरित रुप से किसी कार्ययोजना का क्रियान्वयन सरल हो जायेगा. इसलिए इसमें हर व्यक्ति का सहयोग आवश्यक है. डिजिटल फोटोग्राफी से जुटायी जा रही जानकारी इसके तहत मालिक के नाम, पता, आयु, पेशा, संपत्ति व कर की विवरणी संकलित किया जा रहा है. निकाय द्वारा जलापूर्ति सुविधा, नाला, सफाई और अन्य सुविधाओं की जानकारी ली जा रही है. उपयोग में लाये जा रहे भूमि के तल के आधार पर उसकी संरचना व अन्य जानकारी इसमें रहेगा. वार्ड व प्लॉट वार जानकारी इसपर संकलित होगा. नोडल पदाधिकारी अदनान अहमद ने बताया कि भवन, खाली भूमि, सड़क, नाला, केनाल, रेलवे ट्रैक, पार्क, बागवानी, स्टेडियम, स्लम एरिया, विकसित क्षेत्र, ट्रैफिक, जल स्रोत सहित सभी संसाधनों की सूचना इससे मिल जायेगी. हरेक किमी पर स्थायी मार्किंग (पीबीएम) की जाएगी. संपत्ति सर्वे का होगा व्यापक लाभ संपत्ति सर्वे का आम नागरिकों के साथ ही शहर के विकास की कार्ययोजना व उसका क्रियान्वयन सरल हो जायेगा. नोडल पदाधिकारी अदनान अहमद ने कहा है कि एक ही फ्रेमवर्क में सभी सूचना संकलित होगा. भौगोलिक चित्रण के माध्यम से आधारभूत संरचना के विकास को लेकर तेजी से काम करना संभव हो पायेगा. किसी स्थान की सफाई, वहां की सड़क व नाला, पेयजल की आपूर्ति या अन्य समस्याओं की पहचान कर उसके समाधान के लिए काम करने में सहूलियत होगी. साथ ही निकाय को अपनी आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. जिस किसी क्षेत्र में कर या अन्य राजस्व की हो रही क्षति को चिन्हित करना सहज हो जायेगा. नगर विकास विभाग को भेजी जाएगी जानकारी फील्ड से संकलित जानकारी नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजी जाएगी. जिससे डिजिटल व डाटा विश्लेषण संभव होगा. थ्रीडी आउटडोर व इंडोर मैप होगा. एप्लीकेशन संपत्ति, वाहन व मोबाइल से ट्रैनिक, जीओ व्यवसाय, जीओ गर्वनेंस सॉल्यूशन के लिए होगा. मोबाइल के माध्यम से जानकारी ली जा सकेगी. क्या कहते हैं मेयर मेयर अरुण राय ने कहा है कि पूरे शहर की जानकारी होने पर नागरिक सुविधा बहाल करने में काफी सहूलियत होगी. इसके लिए काम शुरू कर दी गयी है.
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